छत्तीसगढ़

अनुसूचित जनजाति व वनवासियों वनभूमि से बेदखल संबंधी निर्णय को लेकर विद्यार्थी परिषद ने कलेक्टर और मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

बीजापुर/दिनेश गुप्ता :

माननीय उच्चतम न्यायालय की ओर से हाल ही में अनुसूचित जनजाति व वनवासियों को वनभूमि से बेदखल संबंधी निर्णय आया है,जिससे जनजातीय समाज मे निश्चित ही विकट परिस्तिथि उत्पन्न हुई है। जिसको लेकर विद्यार्थी परिषद ने पुनरीक्षण याचिका दायर करने हेतु कलेक्टर केडी कुंजाम के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

परिषद की ओर से फूलचंद गागड़ा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि उच्चतम न्यायलय द्वारा आदिवासियों को वनभूमि से बेदखल सबंधी निर्णय को लेकर विद्यार्थी परिषद पुनरीक्षण याचिका दायर करने हेतु मुख्यमंत्री को आवेदन लिखा है।चूंकि जनजातीय समाज मूलनिवासी और वन में निवास व संरक्षक रहा है और इस प्रकार के फैसले से बेदखल असहाय हो जाएंगे।

विद्यार्थी परिषद का मानना है कि इस फैसले में पक्षकारों ने माननीय न्यायालय के समक्ष सही स्तिथि को स्पष्ट रूप से नही रखा जिसके परिणामस्वरूप यह स्थिति आन पड़ी है। जंगल पर से जनजातियों के अधिकार को छीना जाना अनुचित है,तथा उनके पक्ष को न्यायालय के समक्ष पेश करने में कोताही हुई है।इसलिए विद्यार्थी परिषद ने इस गंभीर विषय को देखते हुए प्रदेश सरकार को पुनरीक्षण याचिका दायर करने हेतु आवेदन दिया है।

साथ ही सरकार से ये भी मांग है कि वन विभाग संवेदनशील होकर जनजाति समाज को दिए गए वनाधिकार अधिनियम को पूर्णतः लागू करने की दिशा में कार्य करने को कहा है। इस दौरान विद्यार्थी परिषद के संतोष पुजारी जिला सँयोजक,कमलेश राणा नगर मंत्री,मनोज आलम,दिनेश विश्वकर्मा,दीपक भट्ट,महेश मढ़े व अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।

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