कनाडा ने वापस बुलाए 41 राजनयिक, भारत ने दिया था देश छोड़ने का आदेश

कनाडा ने भारत में मौजूद अपने 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया है। राजनयिक विवाद के बीच कनाडा ने भारत के चंडीगढ़, मुंबई और कर्नाटक में कॉन्सुलेट सर्विसेज पर रोक लगा दी है। बता दें खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाने के बाद से ही दोनों देशों के रिश्तों में तनाव पैदा हो गया था।
भारत के राजनयिकों को देश छोड़ने को नहीं कहेगा कनाडा
विदेश मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘भारत की कार्रवाइयों की वजह से हमारे राजनयिकों की सुरक्षा को देखते हुए हमने भारत से उन्हें बुला लिया है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर हम राजनयिक प्रतिरक्षा के लिए बनाए गए नियम को टूटने देते हैं, तो दुनिया में कोई भी राजनयिक सुरक्षित नहीं रहने वाला है। इस वजह से हम भारत की कार्रवाई पर कोई रिस्पांस नहीं देने वाले हैं।’ जिन 41 राजनयिकों ने भारत छोड़ा है, उनके साथ 42 ऐसे भी लोग हैं, जो उनके परिवार के सदस्य हैं।
कनाडा ने भारत पर लगाया खालिस्तानी आतंकी की हत्या का आरोप
दरअसल, खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की इस साल जून में सर्रे शहर में एक गुरुद्वारे में हत्या कर दी गई। इस हत्या के बाद कनाडा में रहने वाले खालिस्तान समर्थकों ने कनाडाई सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि इस हत्या में भारत का हाथ है। इसके बाद सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में आकर निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाया। साथ ही ओटावा में मौजूद भारत के टॉप राजनयिक को देश छोड़ने का आदेश दिया।
भारत ने ट्रूडो के दावे को खारिज करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया। इसके बाद भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए कनाडाई राजनयिक को देश छोड़ने का आदेश दिया। यहीं से भारत-कनाडा के बीच रिश्तों के बिगड़ने की शुरुआत हुई। इसके बाद अक्टूबर के पहले हफ्ते में खबर आई कि भारत ने नई दिल्ली में मौजूद कनाडा के 41 राजनयिकों को कहा है कि वह देश छोड़कर चले जाएं। भारत में कनाडा के कुल मिलाकर 62 राजनयिक हैं।