
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण और सतर्कता भरा कदम उठाया है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी करते हुए 7 मई 2025 को राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल आयोजित करने को कहा है। इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियों और प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण करना है।
छत्तीसगढ़ सहित देश के सभी राज्यों में यह मॉक ड्रिल एक साथ आयोजित की जाएगी। इस बाबत छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने भी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मौजूदा वैश्विक और क्षेत्रीय हालात को देखते हुए ऐसी तैयारियां समय की मांग हैं। गृह मंत्री ने कहा, “सुरक्षा से जुड़े किसी भी खतरे को हल्के में नहीं लिया जा सकता। मॉक ड्रिल जैसी व्यवस्थाएं हमें यह जांचने का मौका देती हैं कि अगर कोई आपात स्थिति उत्पन्न हो, तो हमारी पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन टीमें कितनी प्रभावी और तत्पर हैं।”
सूत्रों के मुताबिक, इस मॉक ड्रिल में बम विस्फोट, आतंकी हमला, साइबर अटैक और सामूहिक पलायन जैसी आपात स्थितियों का अभ्यास कराया जाएगा। इसमें राज्य पुलिस बल, अर्धसैनिक बल, स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, NDRF और SDRF समेत कई एजेंसियां भाग लेंगी।
जानकारों का मानना है कि इस प्रकार की राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल आखिरी बार 1971 में भारत-पाक युद्ध के समय की गई थी, जब देश युद्ध जैसी स्थिति का सामना कर रहा था। अब एक बार फिर उसी पैमाने पर देश की तैयारियों को परखा जा रहा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार किसी भी संभावित संकट को लेकर पूरी तरह सतर्क है और सुरक्षा के किसी भी स्तर पर कोई समझौता नहीं करना चाहती।
इस अभ्यास के दौरान आम जनता से भी सहयोग की अपील की गई है। प्रशासन ने नागरिकों से कहा है कि वे घबराएं नहीं और मॉक ड्रिल के दौरान सभी नियमों और दिशा-निर्देशों का पालन करें। कुछ क्षेत्रों में सड़कों को अस्थायी रूप से बंद किया जा सकता है और सुरक्षा बलों की आवाजाही अधिक हो सकती है।
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के अभ्यास न केवल सुरक्षा तंत्र की दक्षता को उजागर करते हैं, बल्कि इनसे कमजोर कड़ियों की पहचान भी हो जाती है, जिन्हें समय रहते दुरुस्त किया जा सकता है।
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साफ है कि भारत सरकार, विशेष रूप से गृह मंत्रालय, वर्तमान अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति को गंभीरता से ले रहा है और पूरी तरह से सतर्क है। आने वाले दिनों में इस तरह के अभ्यास और भी नियमित हो सकते हैं, ताकि भारत किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए हर स्तर पर तैयार रहे।