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अमेरिका में सीएम बघेल ने देखा “छोटा छत्तीसगढ़”

नाचा की तीसरी वर्षगांठ पर पारंपरिक वेशभूषा में छत्तीसगढी कलाकारों को देख खुश हुए मुख्यमंत्री

रायपुर । अमेरिका (America)  में भी एक “छोटा छत्तीसगढ़” (Chota Chhattisgarh) बसता है। अमेरिका में उसकी झलक सीएम भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel,) को 17 फरवरी को नाचा ​के गठन की तीसरी वर्षगांठ पर देखने को मिली। सीएम भूपेश बघेल के साथ अमेरिका गए लोग भी ये नहीं समझ पाए कि वे छत्तीसगढ में हैं या अमेरिका में।

छत्तीसगढ़ियों ने जिंदा रखी है अपनी संस्कृति:

अपनी संस्कृति को विदेश में भी किस तरह संजोए रखना है, यह छत्तीसगढ़ियों से सीखना चाहिए। इन्होंने अमेरिका में भी अपनी संस्कृति और परम्पराओं को जिंदा रखा है। अमेरिका में रहने वाले छत्तीगसढ़ मूल के लोगों ने नाचा (नार्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन) संस्था का गठन किया है। बीते 17 फरवरी को नाचा के गठन की तीसरी वर्षगांठ थी। इसे खास बनाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

‘नाचा’ ने बसा रखा “छोटा छत्तीसगढ़”:

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके प्रतिनिधिमंडल के स्वागत में नाचा संस्था (Nacha Institution) के लोगों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की रंगारंग प्रस्तुति दी। अपने पारंपरिक वेशभूषा और छत्तीसगढ़ी गीत में नृत्य कर समा बांधे रखा। वहां मौजूद सभी लोगों ने इस पारंपरिक नृत्य का आंनद लिया और जमकर तालियां भी बजाई। इस तरह अमेरिका में छत्तीसगढ़ी रंग देखने को मिला। यह कहना गलत नहीं होगा कि अमेरिका में ‘नाचा’ ने “छोटा छत्तीसगढ़” बसा रखा है।

पूरे अमेरिका से यहां पहुंचे थे छत्तीसगढ के लोग:

नाचा के माध्यम से छत्तीसगढ़ की कला, विरासत और संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसरित और स्थापित करने की प्रेरक भी बनेगी। इस कार्यक्रम को लेकर अत्यंत उत्साह देखने को मिला। पूरे अमेरिका में विभिन्न प्रांतों से आए लोगों ने सीएम भूपेश बघेल और चरण दास महंत का स्वागत किया। यह कार्यक्रम नाचा के मूल उद्देश्यों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थापित कर दुनिया के अन्य देशों तक छत्तीसगढ़ की संस्कृति को प्रसारित करने में अहम भूमिका निभाएगा।

अमेरिका की नाचा संस्था के बारे में:

अमेरिका में रहने वाले छत्तीसगढ़ी लोगों ने अपने सांस्कृतिक जुड़ाव के लिए नाचा संस्था का गठन 3 तीन साल पहले किया
गया। नाचा संस्था पंथी, सुआ, राउत, ददरिया नृत्य हो या खोखो, पिठूल, डंडा-पिचरंगा जैसे खेल खेलकर विदेशी नागरिकों को छत्तीसगढ़ की लोक परंपराओं से रूबरू करा रहे हैं। सात समुंदर पार विदेशी धरती पर जहां अपने प्रदेश की लोक संस्कृति का जलवा बिखेर रहे हैं। अमेरिका में भी छोटा छत्तीसगढ़ बना कर रखा है।

जरूरतमंदों की करते हैं मदद:

वहीं दूसरी ओर जरूरतमंदों की मदद करने का नेक काम भी कर रहे हैं। संस्था न सिर्फ परेशानी में पड़े भारतीयों (Indian) की मदद करती है, बल्कि भारत से यहां आकर पढ़ाई और कारोबार की इच्छा रखने वालों की काउंसिलिंग भी करती है। अमेरिका में छत्तीसगढ़ के करीब 500 लोग रहते हैं। जो इस नाचा संस्था में शामिल हैं।

 

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