
रायपुर। तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुए रायपुर में सख्ती बढ़ा दी गई है। इस साल सार्वजनिक गणेशोत्सव पंडालों को लेकर नियम सख्त कर दिए हैं। साथ ही गणेश झांकी की अनुमति भी नहीं दी गई हैै। राजधानी में जिला प्रशासन को तकरीबन 100 गणेशोत्वस समितियों ने आवेदन देकर पंडाल स्थापना के लिए अनुमति मांगी थी।
गणेशोत्सव से लगभग 10 दिन पहले तक प्रशासन को 100 से ज्यादा समितियों ने आवेदन देकर झांकियों के साथ बड़ी प्रतिमाएं स्थापित करने के लिए अनुमति मांगी थीं। लेकिन तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखकर कलेक्टर ने किसी को भी अनुमति देने से इंकार कर दिया और गाइडलाइन जारी की। इसमें कहा गया कि अगर किसी भी समिति को सार्वजनिक स्थल पर गणेश स्थापना करनी है तो उसे गाइडलाइन का पालन करना होगा।
ये नई गाइडलाइन
-पंडाल का साइज 15 बाई 15 से ज्यादा नहीं रखा जा सकता है। प्रतिमाओं की ऊंचाई अधिकतम 8 फीट ही होगी।
-प्रतिमा पंडाल के सामने 500 फीट जगह खाली होनी चाहिए। मुख्य सड़कों पर कहीं भी इतनी जगह खाली नहीं है।
-पंडाल के सामने कुर्सियां नहीं रखी जाएंगी। बाहरी इलाकों में 6 फीट की दूरी में ही रहकर लोग प्रतिमाएं देख सकेंगे।
-एक समय में 50 से ज्यादा लोग नहीं रह सकते। जांच के समय ज्यादा भीड़ दिखी तो समितियों पर होगी कार्रवाई।
-प्रतिमा स्थापना या झांकियों वाली जगहों पर रजिस्टर रखना होगा। जो आना-जाना करेंगे उनका रिकार्ड रखा जाएगा।
-गणेश पंडाल में किसी भी तरह का भोज, जगराता, संगीत मंडली, भंडारा या सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध रहेगा।
-प्रतिमा की स्थापना या विसर्जन के समय बैंड, बाजा धुमाल और डीजे पर बैन रहेगा। ऐसा हुआ तो वाद्य यंत्र जब्त।