अंबिकापुर। आज आज विजन समाज सेवी संस्था द्वारा गांधी स्टेडियम से घड़ी चौक तक आक्रोश रैली निकालकर बलात्कार की गई तथा मौत के घाट उतार ली गई. भारत की समस्त बेटियों को घड़ी चौक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। विजन समाज सेवी संस्था द्वारा 5 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भी प्रशासन की तरफ से माननीय मुख्यमंत्री को सौंपा गया.
जिसमें सर्वप्रथम पहली मांग यह है कि बलात्कार पीड़िता का केस के फास्ट ट्रेक कोर्ट के माध्यम से जल्द से जल्द निर्णय निर्णय कर 30 दिन के भीतर आरोपी को फांसी की सजा दी जाए ताकि कानून के भय से बलात्कार करने वालों के मन में दंड का भय हो. दूसरी मांग पुलिस की सुरक्षा प्रदान की जाए ताकि उन्हें और साथियों को डराया धमकाया न जा सके. तीसरी मांगे रखी गई की पुलिस विभाग बिना किसी पक्षपात के स्वतंत्रता पूर्वक कार्यवाही करें तथा बिना किसी दबाव में आरोपी को फांसी के फंदे तक पहुंचाएं. चौथी मांगे रखी गई घरेलू हिंसा के मामले में भी पुलिस पुलिस को पुलिस को सीधा संज्ञान लेना चाहिए ताकि पीड़िता जो पहले से ही मानसिक और शारीरिक रूप से उत्पीड़ित है. उसे यदि पुलिस का सहयोग मिल जाए तो वह आगे की लड़ाई लड़ने की हिम्मत जुटा पाएगी तथा न्याय पर उसका विश्वास बना रहेगा. पांचवी मांगे आ रही कि महिलाओं के लिए चरित्र प्रमाण पत्र बांटने वाले समाज के किसी भी वर्ग के व्यक्तियों चाहे वह अधिकारी हूं कर्मचारी हो सामाजिक कार्यकर्ताओं राजनीतिक कार्यकर्ताओं पुलिस विभाग के अधिकारी हो, कोई भी हो, उन पर अपराध दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए। क्योंकि यह वह लोग होते हैं जो खुद तो समाज के लिए कुछ नहीं करते बल्कि जो समाज के लिए कुछ बेहतर करना चाहते हैं. उन्हें भी हतोत्साहित कर निराशा में डाल देते हैं संस्था के डायरेक्टर अधिवक्ता शिल्पा पांडे ने कहा पहले भी अंबिकापुर में दोहरा हत्याकांड हो चुका है. जहां अंबिकापुर की बेटी को बलात्कार कर मार दिया गया था. आज 16 वर्ष का समय बीत गया एक भी आरोपी पकड़े नहीं गए फाइल भी शायद दब चुकी होगी। ऐसे न जाने कितने मामले हैं जो न्याय के इंतजार में है.
बीते दिनों फिर से वही कहानी दोहराई गई है पर इस बार बेटी को उसके घर में घुसकर रेप भी किया गया और मारा भी गया है. आखिर कब तक यह हैवानियत समाज में चलती रहेगी। बेटियां कब सुरक्षित होंगी। हमारी संस्था इस घटना का पुरजोर विरोध करती है और आगे आने वाले समय में आंदोलन और सामाजिक परिवर्तन के जन जागरूकता कार्यक्रमों के द्वारा इस प्रकार की घटनाओं के ना होने के लिए कोई प्रभावी कानून बनाया जाए. इस दिशा में लगातार प्रयास करती रहेगी।
संस्था की सदस्य शशि कला सिन्हा ने कहा हम लोगों की संस्था का मकसद केवल रैली निकाल श्रद्धांजलि अर्पित करना नहीं है बल्कि प्रभावी परिवर्तन है. इसके लिए हम लोग तब तक प्रयास करते रहेंगे। जब तक सफलता न मिले संस्था की सदस्यता पांडे ने कहा कि कानून में बदलाव लाना जरूरी है. इसके लिए प्रयास किया जाएगा। संस्था के सदस्य गंगोत्री एवं शारदा कुशवाहा ने महिलाओं को एकजुट होने की अपील की और कहा कि जब तक महिलाएं एकजुट नहीं होंगी कोई बड़ा कदम नहीं उठाया जा सकता।
उक्त रैली एवं श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शशि कला सिन्हा, ललिता पांडे, मधुमिता पा,ल गंगोत्री चौहान, शारदा कुशवाहा, मालती पांडे, संगीता गुप्ता ,शूरवीर, नूरेसा खातून, सुनंदा यादव, खुशबू यादव, राजू प्यारी, अमीना निराशा, ज्ञान लता, कुजुर प्रेमलता, मानमती अंजु,म मीना रवि इत्यादि अनेक महिलाएं मौजूद थी।