CWC बैठक में इस्तीफा देने जा रहे थे राहुल गांधी, प्रियंका और मनमोहन ने रोका: सूत्र
लोकसभा चुनाव में हुई हार के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक हुई. शनिवार को हुई इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. मिली जानकारी के अनुसार राहुल गांधी लोकसभा चुनाव में हुई इस करारी हार की जिम्मेदारी ली है. वहीं बैठक शुरू होने से पहले राहुल ने इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस महासचिव तथा राहुल की बहन प्रियंका गांधी ने उन्हें ऐसा करने से रोक लिया.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राहुल गांधी के बैठक में जाने से ठीक पहले मनमोहन सिंह और प्रियंका गांधी ने उनसे संगठन महासचिव वेणुगोपाल के कमरे में अलग-अलग बात की. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पद के लिए कोई और विकल्प न होने का हवाला देते हुए अंतिम समय तक राहुल को अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए मनाते रहे.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राहुल गांधी ने गुरुवार को हार का पूरा जिम्मा लेते हुए अपने इस्तीफे की भी पेशकश की थी, जबकि सोनिया गांधी ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया. हालांकि बाद में कांग्रेस ने इस बात का खंडन करते हुए कहा था कि राहुल ने कभी इस्तीफे की पेशकश नहीं की. वहीं देखा जाए तो अब कांग्रेस इस स्थिति में भी नहीं है कि सदन में विपक्ष के नेता को भी नियुक्त कर सके. ऐसा अब लगातार दो बार हो चुका है.
कांग्रेस की अंदरूनी कलह भी बाहर निकलने लगी
इसके साथ ही अब कांग्रेस की अंदरूनी कलह भी बाहर निकलने लगी है. पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता अब कांग्रेस अध्यक्ष की रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि राहुल की ओर से किए गए निजी हमले जब काम नहीं कर रहे थे तो उन्होंने उन्हें जारी क्यों रखा. ऐसा ही कुछ आडवाणी के साथ भी हुआ था जब 2009 में कमजोर प्रधानमंत्री कहते हुए उन्होंने मनमोहन सिंह पर निजी हमला किया था. लेकिन जितना उन्होंने उन पर हमला किया उतना ही उनका खुद का नुकसान होता गया.
बाद में हालात यह रहे कि जनता ने इस बात को नकार दिया और सिंह एक बार फिर किंग बने. निजी हमले न उस समय काम किए थे और न ही आज काम कर सके. जितना विपक्ष ने उन पर हमले किए, यहां तक की चोर शब्द का भी इस्तेमाल किया उतना ही लोगों का उन्हें सपोर्ट मिलता रहा.