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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज पेश करेंगे अपना दूसरा बजट

वर्ष 2020 के बजट का 1.10 लाख करोड़ का रहने का अनुमान

रायपुर। मंगलवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel)  अपनी सरकार का दूसरा बजट (Budget) पेश करेंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद ही इस बजट को सदन के पटल पर रखेंगे। इस बार बजट के 1.10 लाख करोड़ का रहने का अनुमान है। इस बार का बजट मुख्य रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर, सिंचाई और पेयजल पर फोकस रहेगा। वहीं केंद्र की आयुष्मान योजना की तर्ज पर घोषित खूबचंद बघेल योजना के तहत गंभीर बीमारियों के निशुल्क इलाज के लिए 20 लाख रुपए तक का प्रावधान किया जा सकता है।

बजट में 15 हजार करोड़ का ईजाफा

पिछले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार ने 95 हजार करोड़ का बजट पेश किया था। जो कि अनुपूरक बजट के साथ मिलाकर एक लाख करोड़ तक पहुंच गया। ऐसे में संभावना है कि सरकार इस बजट में 10 से 15 हजार करोड़ रुपए का ईजाफा करेगी। धान खरीदी के समर्थन मूल्य की अंतर राशि 685 रुपए प्रति क्विंटल किसानों को देने का प्रावधान किया जाएगा। निशुल्क स्वास्थ्य योजनाओं में निजी अस्पतालों को हटाने के बाद इस बजट में सरकारी अस्पतालों में मशीनरी और डॉक्टरों की नियुक्ति की घोषणा कर सकती है।

नए बजट से नई उम्मीदें

सरकार इस बजट सत्र में शुद्ध पेयजल की दिशा में एक कदम और बढ़ा सकती है। इसके तहत प्रत्येक विधायकों के क्षेत्र के 15-15 गांवों में हर परिवार के घर तक नल लगाने की योजना लाई जा सकती है। सिंचाई के लिए बस्तर में इंद्रावती नदी व महानदी और बिलासपुर में अरपा में एनीकट बनाए जाने का भी प्रावधान किया जा सकता है। पिछले बजट में सिंचाई परियोजनाओं के लिए 300 करोड़ का प्रावधान किया गया था। महानदी परियोजना के लिए 216 करोड़, लघु-सिंचाई परियोजनाओं के लिए 524 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था।

शिक्षा पर सरकार का जोर

सरकार का इस बार शिक्षा पर खासा ध्यान रहेगा। इसके लिए नए स्कूल खोले जा सकते हैं। इसका बड़ा कारण ये है कि बच्चों की संख्या को देखते हुए बड़ी तादात में स्कूलों को मर्ज किया गया है। वहीं सरकार स्थानीय भाषा के साथ अंग्रेजी को लेकर भी काफी सजग है। इसे देखते हुए अंग्रेजी माध्यम के 50 मॉडल स्कूलों की घोषणा सरकार कर सकती है। इसके अलावा मानसिक रूप से दिव्यांगजनों के लिए महिला एवं समाज कल्याण विभाग की ओर से हॉफ वे होम खोलने की योजना ला सकती है।

56 लाख एपीएल परिवारों को भी मिल सकती है राहत

कांग्रेस सरकार का पहला बजट खास तौर से कृषि और बीपीएल (BPL) परिवारों पर फोकस था। चुनाव के दौरान घोषणा पत्र में किए गए वादों के तहत किसानों के कर्जे माफ किए गए और बीपीएल परिवारों के लिए एक रुपए प्रति किलो की दर से 35 किलो चावल देने का प्रावधान किया गया। इनमें सबसे खास रहा 400 यूनिट तक बिजली बिल आधा करने की घोषणा। अब एपीएल (APL) परिवारों को भी 35 किलो चावल 10 रुपए प्रति किलो की दर से देने का प्रावधान किया जा सकता है। ऐसे करीब 56 लाख कार्ड धारक हैं जिनको इसका फायदा मिलेगा।

 

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