Happy Engineer’s Day : भारत रत्न से सम्मानित इस शख्स की याद में हर साल मनाया जाता है ‘इंजीनियर्स डे’
दुनिया भर के इंजीनियर्स को सम्मानित करने के लिए हर साल 15 सितंबर को वर्ल्ड इंजीनियर्स डे मनाया जाता है। यह खास दिन भारत के महान इंजीनियर मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया की याद में मनाया जाता है।
क्यों मनाते हैं?
15 सितंबर यह वो तारीख है जब भारत के महान इंजीनियर मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म हुआ था। 1968 में भारत सरकार ने 15 सितंबर के दिन को इंजीनियर्स के सम्मान में मनाने की घोषणा की थी, तभी से हर साल इंजीनियरों को सम्मानित करने के लिए इसी तारीख को वर्ल्ड इंजीनियर्स डे सेलिब्रेट किया जाता है। ये दिन न सिर्फ इंजीनियर्स को सम्मानित करने के लिए बल्कि ट्रेनी इंजीनियर्स को भविष्य में बेहतरीन योगदान देने के लिए प्रेरित करने के तौर पर भी मनाया जाता है।
मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बहुत योगदान रहा। एम विश्वेशरैया सिर्फ इंजीनियर ही नहीं बल्कि एक कुशल राजनेता भी थे। अपनी इंजीनियर का प्रयोग उन्होंने कई कामों में किया और ये साबित कर दिखाया कि हमारा व्यवहारिक ज्ञान कैसे हर जगह इस्तेमाल किया जा सकता है। जल आपूर्ति और बांधों के क्षेत्र में विश्वेशरैया का अतुलनीय योगदान रहा है। मोक्षमुंडम विश्वेसरैया को 1907-08 में यमन भेजा गया। जहां उन्होंने अदन में एक बेहतरीन परियोजना तैयार कर अपना जलवा दिखाया। कृष्णा सागर की तरह देश के कई मुख्य बांधों को बनवाने में मोक्षमुंडम विश्वेसरैया का अहम योगदान रहा है। जिनसे देश की कृषि और अर्थव्यवस्था को भी फायदा हुआ।
उनके अतुलनीय योगदानों को ध्यान में रखते हुए 1955 में मोक्षमुंडम विश्वेसरैया को भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। विश्वेसरैया को तब 50 वर्षों के लिये लंदन इंस्टीट्यूशन ऑफ सिविल इंजीनियर्स की मानद सदस्यता से भी सम्मानित किया गया।