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सरगुजा : परसा कोयला खदान के लिए पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन पर अयोजित ग्रामसभा सफलता पूर्वक संपन्न

उदयपुर। सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) को आवंटित परसा ईस्ट केते बासन (पीईकेबी) कोयला खदान के द्वितीय चरण के लिए पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन की ग्राम सभा शनिवार, 28 मई 2022 को ग्राम घाटबर्रा में सफलतापूर्वक संपन्न हो गई। ग्राम घाटबर्रा के लिए आयोजित ग्राम सभा में 400 से अधिक ग्रामीणों ने भाग लिया।

ग्राम सभा में जिले के अपर कलेक्टर अमृत लाल ध्रुव, एस डी एम अनिकेत साहू , तहसीलदार सुयस शुक्ला और थाना प्रभारी उदयपुर धीरेन्द्र दुबे उपस्थित थे। अपर कलेक्टर ने सभी ग्रामीणों के पुनर्वास और पुनर्व्यस्थापन से जुड़े सवालों के जवाब दिए। ध्रुव ने ग्रामीणों को यह भरोसा दिलाया की जिला प्रशासन किसी भी ग्रामीणों के हितों में क्षति नहीं होने देगी और उनके हित के लिए हर तरह की सहायता के लिए शासन और प्रशासन तत्पर है। उन्होंने ग्रामीणों को उनके विकास खंड में खुलने वाले सर्वसुविधायुक्त तथा आधुनिक स्तर के सौ बिस्तरों के अस्पताल के बारे में जानकारी दी साथ ही केन्द्रीय माध्यामिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की शिक्षा पद्धति पर चल रहे विद्या मंदिर के कक्षा 12 वीं तक के विस्तार की बात भी कही। अपर कलेक्टर ध्रुव की बात से उपस्थित ग्रामीण संतुष्ट नजर आए और परसा कोयला खदान को जल्द शुरु कराकर नौकरी दिलाने के लिए कलेक्टर से अनुरोध किया।

उल्लेखनीय है कि आरआरवीयूएनएल को आबंटित कोयला परियोजनाओं को जल्दी शुरू करने ग्रामीणों ने कुछ दिनों पहले प्रबंध निदेशक को पत्र भी लिखा था। परियोजना से प्रभावित ग्राम साल्हि एवं जनार्दनपुर के ग्रामीणों ने पत्र द्वारा यह मांग की थी की उन्होंने परियोजना की स्थापना हेतु अपनी भूमि दी है जिसके एवज में मुआवजा भी प्राप्त कर लिया है। पुनर्वास एवं पुनर्व्यस्थापन योजना के तहत उन्होंने रोजगार के विकल्प का चयन किया है ताकि जल्दी से उन्हें रोजगार प्राप्त हो सके। इसी तारतम्य में पिछले सप्ताह आर आर वी यू एन एल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर आर के शर्मा द्वारा सरगुजा और सूरजपुर के जिलाधीशों से मिलकर परियोजनाओं की सभी कठिनाइयों को दूर कर जल्द शुरू कराने के लिए अनुरोध किया था।

गौरतलब है कि आरआरवीयूएनएल को आबंटित परसा ईस्ट एवं परसा कोयला परियोजना न केवल राजस्थान राज्य के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि इसकी स्थापना से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था पर भी व्यापक प्रभाव पड़ने वाला है। एक ओर जहाँ राजस्थान की 4000 मेगावाट से अधिक की विद्युत् परियोजनाओं के लिए कोयले की उपलब्धता इन परियोजनाओं से सुनिश्चित होनी है वहीं इन परियोजनाओं की स्थापना से प्रदेश को प्राप्त होने वाले राजस्व से क्षेत्र का विकास भी सुनिश्चित होना है। साथ ही पांच हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी प्राप्त हो सकेगा।

ज्ञात हो कि घाटबर्रा में ही आरआरवीयूएनएल के वर्तमान में चल रहे पीईकेबी कोयला खदान के सामाजिक सरोकारों के अन्तर्गत कई कार्यक्रम पहले से ही संचालित है। जिनमें गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए ग्राम के बच्चे विद्या मंदिर में पढ़ रहे हैं, जबकि आजिविका संरक्षण के अंर्तगत महिलाओ को आत्मनिर्भर बनाने फिनायल बनाने के प्रशिक्षण के साथ इकाई संचालन के लिए आर्थिक सहायता भी दिया गया। यही नहीं गांव के किसानो की आय बढ़ाने जैविक विधि से चावल और सब्जी की खेती का प्रशिक्षण देकर उत्पादन वृद्धि में सहायता इत्यादि मुख्यरूप से शामिल है।

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