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डेबिट – क्रेडिट कार्ड में टोकलाइजेशन समेत आज से बदल गए ये नियम, जानें आपकी जेब पर कितना पड़ेगा असर

नई दिल्ली। आज से क्रेडिट-डेबिट कार्ड में टोकलाइजेशन, अटल पेंशन येाजना, गैस सिलेंडर की कीमतों में बदलाव और दिल्ली में बिजली बिल पर सब्सिडी की व्यवस्था में बदलाव से जुड़े कई नियमों में बदलाव होने वाला है। इन नियमों के बदलने से बड़े पैमाने पर उपभोक्ता प्रभावित होंगे। इनमें कुछ नियमों के बदल जाने से आपकी जेब पर अतिरिक्त बोझ भी बढ़ सकता है।

वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किये गए एक नोटिफिकेशन के अनुसार एक अक्तूबर 2022 के बाद से अटल पेंशन योजना के तहत करदाता नहीं जुड़ सकेंगे। वहीं अगर अगर पोस्ट ऑफिस में आपका बचत खाता है तो आप अटल पेंशन येाजना के तहत आवेदन दे सकते हैं। हालांकि अगर आपने पहले से ही इस योजना को सब्सक्राइब कर चुके हैं तो आप पर नए बदलाव का कोई असर नहीं होगा। वहीं अगर एक करदाता होते हुए भी आपने इस योजना को सब्सक्राइब किया है तो ऐसी स्थिति में खाता बंद कर आपका पैसा लौटा दिया जाएगा। बता दें कि इस योजना के तहत सब्सक्राइबर को 5000 रुपये तक पेंशन लाभ देने का प्रावधान है।

डेबिट और क्रेडिट कार्ड से भुगतान के नियम बदलेंगे

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के निर्देशों के अनुसार एक अक्तूबर से डेबिट और क्रेडिट कार्ड से भुगतान (की प्रक्रिया में टोकनाइजेशन की व्यवस्था लागू हो जाएगी। इस व्यवस्था के लागू हो जाने के बाद से मर्चेंट, पेमेंट एग्रीगेटर और पेमेंट गेटवे ग्राहकों के कार्ड से जुड़ी जानकारी अपने पास सेव नहीं रख पाएंगे। आरबीआई की इस कवायद का मकसद कार्ड से खरीदारी के दौरान धोखाधड़ी पर रोक लगाना है।

म्युचुअल फंड में निवेश के लिए नॉमिनेशन जरूरी

अगर आप भी म्युचुअल फंड्स में निवेश करते हैं या भविष्य में करने की इच्छा रखते हैं तो ऐसे में आपके लिए एक अक्तूबर के बाद से नॉमिनेशन की जानकारी देना अनिवार्य हो जाएगा। नॉमिनेशन डिटेल नहीं देने वालों को एक डिक्लेरेशन देकर यह बताना होगा कि उन्हें नॉमिनेशन की सुविधा नहीं चाहिए। यह नियम बीते एक अगस्त से ही लागू होने वाला था, लेकिन फिर इसे बढ़ाकर एक अक्तूबर से लागू करने का निर्णय लिया गया।

जीएसटी के ई-चालान से जुड़े नियमों में बदलाव

एक अक्टूबर से वस्तु और सेवा कर या जीएसटी (GST) के तहत 10 करोड़ रुपये और उससे अधिक के कुल कारोबार वाले व्यापारियों के लिए ई-चालान काटना अनिवार्य होगा। सरकार ने राजस्व घाटे से निपटने और व्यापार जगत से अधिक टैक्स कलेक्शन के मकसद से इसकी सीमा को 20 करोड़ रुपये से घटाकर 10 करोड़ रुपये कर दिया है। इस संबंध में जारी घोषणा में कहा गया है कि नियमों को जीएसटी परिषद की सिफारिशों के आधार पर अधिसूचित किया गया है।

बैंकों के लोन महंगे हो जाएंगे

तीन दिनों तक चली आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक के बाद केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 30 सितंबर को रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ोतरी का फैसला लिया है। रेपो रेट 5.4% से बढ़कर अब 5.9% प्रतिशत हो गई है। आरबीआई का यह फैसला लागू होते ही यह तय हो गया है कि बैंक लोन महंगे हो जाएंगे। जिन लोगों ने पहले से ही फ्लोटिंग रेट पर लोन ले रखे हैं उनकी ईएमआई भी अक्तूबर महीने से बढ़ जाएगी। इस कड़ी में एचडीएफसी बैंक ने लोन के ब्याज दरों में 50 बीपीएस की बढ़ोतरी का एलान भी कर दिया है। एचडीएफसी बैंक का यह निर्णय एक अक्तूबर 2022 से प्रभावी होगा।

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