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खून से लथपथ होने के बावजूद एसपी के धैर्य और संयम ने किस तरह से टाल दी एक बड़ी हिंसक घटना, जानिए क्या कहते हैं आईपीएस सदानंद कुमार

नारायणपुर। जिले के पुलिस अधीक्षक समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर हुए प्राणघातक हमले का एक पखवाड़ा बीत चुका है। नारायणपुर के एसपी सदानंद कुमार ने प्राणघातक हमला झेलने के बावजूद अपनी सुझबुझ, धैर्य और संयम से दो जनवरी को नारायणपुर में एक बड़ी हिंसक घटना टाल दी। लेकिन एक सवाल अब भी लोगों के जेहन में है कि खूद पर और अन्य पुलिसकर्मियों पर हुए प्राणघातक हमले के बावजूद एसपी ने जवानों को बल प्रयोग की इजाजत क्यों नहीं दी? एसपी ने अपना धैर्य और संयम कैसे कायम रखा? आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि एसपी सदानंद कुमार और नारायणपुर थाना प्रभारी समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर हुए प्राणघातक हमले के बाद यदि पुलिस अपना संयम खोती तो क्या हो सकता था?

जिले में पुलिस महकमे के सबसे बड़े अधिकारी पुलिस अधीक्षक पर हमला कैसे हो गया? इस सवाल पर नारायणपुर एसएसपी सदानंद कुमार कहते हैः-“हमने शांतिपूर्ण बैठक की इजाजत दी थी और उसके लिए पुलिस की तरफ से सभी तैयारियां की गई थी। लेकिन करीब एक बजे जब मुझे नारायणपुर थाना प्रभारी ने यह सूचना दी कि उपद्रवी विश्वदीप्ती स्कूल के प्रार्थना स्थल पर तोड़फोड़ करते हुए हाई स्कूल तक पहुंचकर तोड़फोड़ कर रहें है जहां करीब एक हजार से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। उसके बाद मेरे लिए कार्यालय में रूकना संभव नही था। मेरी चिन्ता बच्चों को सुरक्षित करने की थी और मैं पांच मिनट से भी कम समय में घटनास्थल पहुंच गया। वहां उपद्रवी लाठी, डंडा, कुल्हारी और अन्य परंपरागत हथियारों से लैस थे और प्रार्थना स्थल और स्कूल पर हमला बोल चुके थे ऐसी स्थिति में मेरी पहली प्राथमिकता थी बिना किसी हिंसा के बच्चों को सुरक्षित निकालना और उपद्रव पर काबू पाना। मैंने अपने सहयोगियों के माध्यम से सभी बच्चों को स्कूल से निकाला और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया, लेकिन इसी बीच किसी ने लोहे के रांड से मेरे सिर पर प्रहार कर दिया और मैं बूरी तरह से घायल हो गया।”

प्रहार केवल आप पर नही हुआ बल्कि नारायणपुर के आपके थानेदार पर भी प्राणघातक हमला हुआ और अन्य पुलिसकर्मियों को भी मारा-पीटा गया। लेकिन बावजूद इसके पुलिस ने बल प्रयोग क्यों नही किया? इस सवाल के जवाब में सदानंद कुमार कहते हैः- “देखिए जब मेरे उपर हमला हुआ और मैं खून से लथपथ था तो हमारे जवान संयम खो चुके थे। वे बार-बार मुझसे आदेश मांग रहे थे कि सर अब क्या बचा है? हमे बल प्रयोग की अनुमति दें। लेकिन मुझे पता था कि एक बार जवानों को बल प्रयोग की अनुमति मिल जायेगी तो फिर स्थिति संभालना मुश्किल होगा क्योंकि जवान काफी गुस्से में थे। लिहाजा मैंने खून से लथपथ होने के बावजूद अपनें जवानों को भी संभाला और भीड़ को भी धैर्य एवं संयम के साथ नियंत्रित करने की कोशिश की, जो अन्ततः कामयाब हुई।”

पुलिस से कहीं चुक हुई थी? इस सवाल के जवाब में एसएसपी सदानंद कुमार कहते हैः- “चुक कहीं नही हुई थी, यह एक धार्मिक उन्माद था जो भड़काऊ भाषण के बाद एकदम से भड़क गया। ऐसी स्थिति में यदि पुलिस मैदान में उतरकर बच्चों को नही बचाती तो आप अंदाजा लगा सकते हैं क्या स्थिति बनी होती क्योंकि हिंसक उपद्रवी स्कूल तक पहुंच चुके थे? हम अपने कर्तव्य के निर्वहन में अपनी जान की परवाह नही करते। मुझे गर्व है अपने जवानों पर कि अपने उपर प्राणघातक हमला होने के बावजूद हमारे जवानों ने धैर्य और संयम के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन किया।”

व्यापक पैमाने पर धर्मान्तरण की सच्चाई क्या है? इस सवाल के जवाब में सदानंद कुमार कहतें हैः-“ देखिए देश के कानून के हिसाब से सबको धार्मिक स्वतंत्रता है। लेकिन जिले में जहां भी गैरकानूनी तरीके से धर्मान्तरण की सिकायत हुई है पुलिस ने सभी उचित कार्यवाई की है और आगे भी पुलिस संवैधानिक व्यवस्था से अलग कोई कार्य नही होने देगी।”

कैसे हुई थी घटना

एक जनवरी 2023 को ग्राम गोर्रा में आदिवासी समुदाय और धर्मान्तरित आदिवासी इसाई के बीच आपसी विवाद के बाद 02 जनवरी 2023 को बखरुपारा बाजार स्थल नारायणपुर में आदिवासी समुदाय द्वारा एक सभा रखी गई थी। सभा ने भड़काऊ भाषण के बाद हिंसक रूप अख्तियार कर लिया और उपद्रवियों ने विश्वदीप्ती स्कूल समेत चर्च पर हमला बोल दिया।

दरअसल आयोजन स्थल बखरुपारा में लगभग 12 बजे तक थाना बेनूर, एड़का, नारायणपुर एवं कोंडागांव तथा कांकेर के सीमावर्ती जिले से लगभग 1500 के आसपास लोग इकठ्टा हो गए थे। 12: 30 बजे तक लोगों की संख्या लगभग दो से तीन हजार के आसपास हो गई। भीड़ में कुछ लोग अपने हाथों में लाठी, डंडे, कुल्हाड़ी, लोहे की पाइप, हथौड़े, तीर-कमान, फरसा आदि लेकर आये थे। पुलिस के अनुसार सभा शुरू होने के बाद कुछ लोगों ने भड़काऊ भाषण दिया और लोगों को रोमन कैथोलिक चर्च पर हमले के लिए प्रेरित किया। जिसके बाद भीड़ उत्तेजित हो गई और नेतृत्व विहीन होकर एड़का चौक पर चक्का जाम कर दिया और भीड़ विश्वदीप्ती हाई स्कूल प्रांगण में स्थित प्रार्थना स्थल बंगलापारा पहुंच गई और प्रार्थना स्थल के मुख्य द्वार को तोड़कर अंदर चली गई। मुर्तियां तोड़ दी गई। विश्वदीप्ती हाई स्कूल में समय सभी क्लास चल रही थी। लेकिन उपद्रवियों द्वारा स्कूल पर भी हमला कर दिया गया और नर्सरी क्लास रूम का शीशा तोड़ दिया गया है साथ ही शिक्षकों की पिटाई की गई। हांलाकि एसपी सदानंद कुमार के पहुंचने के बाद एसपी के नेतृत्व में पुलिसकर्मियों ने सभी बच्चों को स्कूल के सुरक्षित निकाला और उन्हें अभिभावकों के हवाले किया। बच्चों को बचाने और हिंसक भीड़ को बिना बल प्रयोग के काबू करने के दौरान ही उपद्रवियों ने एसपी सदानंद कुमार और अन्य पुलिसकर्मियों पर प्राणघातक हमला कर दिया।

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