
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव हैं, इसलिए राज्य में चुनावी सरगर्मी बढ़ रही है। भाजपा बंगाल में सत्ता में आने के लिए कमर कसे हुए है। आज सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कोलकाता पहुंच रहे हैं। केंद्र सरकार ने सुभाष जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। मोदी कोलकाता में दो कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। नेताजी की स्मृति में सिक्का और डाक टिकट जारी करेंगे। बड़ी बात ये कि मोदी के साथ मंच पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी होंगी।
पश्चिम बंगाल में उत्सव, जनसंस्कृति का हिस्सा है। यहां सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए कोई न कोई मौका ढूंढ़ा ही जाता है, चाहे टैगोर जयंती हो या विवेकानंद या फिर सुभाषचंद्र बोस का जन्मदिन। इन कार्यक्रम कमेटियों में स्थानीय राजनीति भी फलती-फूलती है, मगर इस बार इस राजनीति का दायरा बढ़कर दिल्ली तक पहुंच गया है।
तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच सामाजिक-सांस्कृतिक फ्रंट पर बंगाली मानुष को लुभाने की होड़ यूं तो पिछले साल दुर्गा पूजा से ही शुरू हो गई थी। 2021 के शुरू होते ही 12 जनवरी को विवेकानंद जयंती पर भी दोनों दलों के बीच जलसे-जुलूस को लेकर मुकाबला जैसा हुआ, पर तृणमूल के कार्यक्रमों के आगे भाजपा के आयोजन शायद थोड़े फीके रह गए। यही कसर निकालने के लिए नेताजी की जयंती पर खुद मोदी मैदान में उतर गए हैं।