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लोकसभा में मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन विधेयक पारित

भ्रष्टाचार को खत्म करने, सड़क सुरक्षा में सुधार लाने और यातायात को नियंत्रित करने के उद्देश्य से मंगलवार को लोकसभा में एक संशोधन विधेयक ध्वनिमत से पारित किया गया। मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक 2019 पर चर्चा करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘राज्यों के लिए यह अनिवार्य नहीं है कि वे इस विधेयक के दायरे में आएं।’ उन्होंने हालांकि सभी राज्यों से समान नीतियों को अपनाने की अपील की।

मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में संशोधन करते हुए शराब या ड्रग्स का इस्तेमाल कर ड्राइविंग करने पर जुर्माना बढ़ाने का प्रावधान है। मंत्री ने कहा कि विधेयक में मोटर वाहनों से संबंधित लाइसेंस और परमिट प्रदान करने के अलावा मोटर वाहनों के लिए मानक और इनका उल्लंघन करने पर जुर्माने के भी प्रावधान हैं।

गडकरी ने कहा कि मौजूदा कानून 30 साल पुराना है और यातायात नियम उल्लंघन करने वालों के लिए जुमार्ना बहुत कम है, जिससे कानून का डर नहीं रह गया है।

केंद्र सरकार सड़क दुर्घटना पीड़ितों के कैशलेस उपचार

उन्होंने कहा, ‘प्रस्तावित कानून भ्रष्टाचार की जांच में भी मदद करेगा।’

मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार सड़क दुर्घटना पीड़ितों के कैशलेस उपचार के लिए एक योजना की सुविधा प्रदान करेगी।

विधेयक तीसरे पक्ष (थर्ड पार्टी) के बीमा के तहत मुआवजे की मांग करने वाले दावेदारों को राहत दी गई है। हिट एंड रन मामलों में न्यूनतम मुआवजा भी बढ़ाने का प्रावधान है।

इसके अलावा मृत्यु के मामले में, 25,000 रुपये से दो लाख रुपये तक के मुआवजे का प्रावधान है और गंभीर चोटों के मामले में यह 12,500 रुपये से 50,000 रुपये के बीच होगा।

विधेयक में अधिनियम के तहत कई अपराधों के लिए दंड बढ़ाने का प्रस्ताव है। शराब या ड्रग्स के प्रभाव में ड्राइविंग के लिए अधिकतम जुर्माना 2,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये किया गया है।

अधिनियम के तहत निर्धारित

सरकार हर साल अधिनियम के तहत निर्धारित किया गया जुर्माना 10 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है।

केंद्र सरकार राज्य सरकारों के परामर्श से एक राष्ट्रीय परिवहन नीति विकसित कर सकती है। नीति सड़क परिवहन के लिए रूपरेखा स्थापित करेगी। साथ ही परमिट देने के लिए एक रूपरेखा विकसित करेगी।

आरएसपी के प्रेमचंद्रन, तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय और डीएमके की कनिमोझी द्वारा संशोधित मतों को ध्वनि मत के माध्यम से नकार दिया गया।

कनिमोझी और प्रेमचंद्रन के किशोरों के अभिभावकों द्वारा दुर्घटना के मामले में गिरफ्तार किए जाने के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में मंत्री ने कहा कि यह इसलिए रखा गया है, ताकि माता-पिता और अभिभावक अपने बच्चों की जिम्मेदारी लें और उन्हें गाड़ी न चलाने दें।

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