अलगाववादी नेता यासीन मलिक को पुलिस ने किया गिरफ्तार, ये थी वजह
जम्मू. जेके एलएफ प्रमुख यासीन मलिक को शुक्रवार को देर रात मायसूमा स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस उसे गिरफ्तार कर कोठीबाग थाने ले गई। इसके बाद देर रात सेंट्रल जेल भेज दिया गया। उसे शनिवार को राज्य से बाहर भेजा जा सकता है। अनुच्छेद 35-ए पर 26 से 28 फरवरी के बीच सुनवाई प्रस्तावित है।
इस वजह से कोई बवाल न होने पाए, इसे देखते हुए एहतियातन गिरफ्तार किया गया है। यह भी कहा जा रहा है कि सरकार अलगाववादियों पर सख्ती कर रही है। इस वजह से गिरफ्तारी को अंजाम दिया गया। हालांकि, इस बारे में आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। इससे पहले बुधवार को उसकी सुरक्षा राज्य सरकार ने हटा दी थी।
घाटी में चर्चाएं शुरू
यासीन मलिक की गिरफ्तारी के बाद घाटी में शुक्रवार की देर रात यह भी चर्चा शुरू हो गई कि अनुच्छेद 35-ए पर केंद्र सरकार ने कुछ सकारात्मक फैसला ले लिया है। इससे घाटी में कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इससे निपटने के लिए ही जम्मू से सीआरपीएफ की 100 कंपनियां भेजी जा रही हैं।
यह है 35-ए में
जम्मू एवं कश्मीर के बाहर का व्यक्ति राज्य में अचल संपत्ति नहीं खरीद सकता।
दूसरे राज्य का कोई भी व्यक्ति यहां का नागरिक नहीं बन सकता।
राज्य की लड़की किसी बाहरी लड़के से शादी करती है तो उसके सारे अधिकार समाप्त हो जाएंगे।
35-ए के कारण ही पश्चिम पाकिस्तान से आए शरणार्थी अब भी राज्य के मौलिक अधिकार तथा अपनी पहचान से वंचित हैं।
जम्मू एवं कश्मीर में रह रहे लोग जिनके पास स्थायी निवास प्रमाणपत्र नहीं है, वे लोकसभा चुनाव में तो वोट दे सकते हैं लेकिन स्थानीय निकाय चुनाव में वोट नहीं दे सकते हैं।
यहां का नागरिक केवल वह ही माना जाएगा जो 14 मई 1954 को राज्य का नागरिक रहा हो या उससे पहले के 10 वर्षों से राज्य में रह रहा हो या इससे पहले या इस दौरान यहां पहले ही संपत्ति हासिल कर रखी हो।