
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में मलेरिया और डायरिया से मौत का मामला जोरो शोरो से गूंजा BJP विधायक मोतीलाल साहू ने इस मुद्दे को ध्यानाकर्षण में लाते हुए सवाल किये, जिसके जबाब पर मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने प्रदेश के कई जिलों में मलेरिया और डायरिया के प्रकोप की दी जानकारी, मंत्री ने कहा –
सभी जिलों में लगातार जांच की जा रही है, बस्तर संभाग में मलेरिया नियंत्रण में है,साथ ही दो बच्चों की मौत बच्चों को देर से अस्पताल लाये जाने की वजह से हुई है, मच्छरदानी का वितरण लगातार किया जा रहा है,दवाओं की भी पर्याप्त उपलब्धता बनी हुई है
वही मोतीलाल साहू ने दवाओं की उपलब्धता पर संदेह जताते हुए कहा- पिछली सरकार ने पेमेंट का भुगतान नहीं किया इसलिए दवाओं की आपूर्ति नहीं हो पा रही है
मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने दी जानकारी-
कहीं भी पेमेंट नहीं होने की वजह से दवाओं की आपूर्ति नहीं रोकी गई,दवाओं और जांच किट की पर्याप्त आपूर्ति की गई है,विभाग की टीम बस्तर में नाव से दूरस्थ गांवों तक पहुंचकर जांच कर रही है ,कहीं भी कोई कमी नहीं है, और इस सर्कार में पिछली सरकार से अधिक जांच की गई है
इसी बीच धर्मजीत सिंह ने सुझाव देते हुए कहा की जिले के उच्च अधिकारियों से लेकर निचले स्तर के कर्मचारियों को निर्देशित किया जाए,मलेरिया पीड़ितों की जानकारी सही समय पर स्वास्थ्य विभाग तक पहुँच जाए.जिसपर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 6 विभागों को समन्वय कराकर काम कर रहे हैं.
कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने कहा मेरे विधानसभा क्षेत्र में दो लोगों की मृत्यु मलेरिया से हुई है. मैंने मंत्री से आग्रह किया था कि बेलगहना के आस-पास कैंप लगवा दिया जाए. लेकिन अभी तक कैंप नहीं लग पाया है.साथ ही अंदुरुनी इलाकों में जो जरूरी तैयारियां वो पूरी हुई चाहिए.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रभावित इलाके में टीम गई थी. कोटा के आस-पास 385 मरीज भर्ती थे, लेकिन मलेरिया से किसी की मृत्यु नहीं हुई है.
अकलतरा विधायक राघवेंद्र सिंह ने कहा मेरे विधानसभा क्षेत्र में डेंगू-मलेरिया के मरीजों की संखया बढ़ी. कुछ लोगों की मृत्यु भी हुई है. अस्पतालों में व्यवस्था पर्याप्त रूप से की जाए.जिसपर पर स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि जांजगीर जिले में किसी की मृत्यु डायरिया से नहीं हुई है. व्यवस्थाओं में जो कमी उसे दूर कर लिया जाएगा.
भिलाई नगर विधायक ने कहा स्वास्थ्य मंत्री जो जानकारी दे रहे हैं वो सही नहीं है. बिलासपुर, कवर्धा, बीजापुर में कई लोगों की मृत्यु से मलेरिया और डहरिया से हुई है. ऐसे मैं मांग कर रहा हूँ व्यवस्था दुरस्त की जाए. जिसपर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विपक्षी सदस्य मौत पर राजनीति न करे. कांग्रेस सरकार में हर साल दर्जनों लोगों की मौत मलेरिया से हुई है. हम लोग साय सरकार में व्यवस्थाओं को बेहतर से बेहतर कर रहे हैं और कमी आई है.
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा-
छत्तीसगढ़ में मलेरिया और डायरिया भयावह है. यही वजह है कि हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. रतनपुर इलाके में एक बैड पर तीन-तीन मरीजों को रखा गया. सभी जिलों में स्थिति खराब है. लेकिन स्वास्थ्य मंत्री फिर भी इंकार कर रहे हैं. इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा की मलेरिया से 15 लोगों की मौत हुई है. लेकिन डायरिया से मृत्यु किसी की नहीं हुई है. मैं मानता हूँ कि अभी कोविड जैसी स्थिति डायरिया के किये व्यवस्था नहीं हो सकती है.
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि एक ध्यानाकर्षण में कितने सवाल किए जा सकते थे ? और क्या अकेले भूपेश बघेल ही सवाल करते रहेंगे. इस पर व्यवस्था दी जाए. अजय चंद्राकर इस दौरान कहा कि अध्यक्ष आप भूपेश बघेल के लिए कुछ ज्यादा ही उदार नजर आ रहे हैं. इस उदारता का क्या कारण है ?
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि क्या यह भी सही नहीं है कि मलेरिया-डायरिया से मौत हो रही है उस पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था ?
क्या यह भी सही नहीं है कि हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों को नोटिस दिया है ? इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया यह सही है. और हम कोर्ट के निर्देशों का पालन कर रहे हैं.
महंत ने कहा कि 12 करोड़ की दवाई को एक्सपायरी बताकर फेंक दिए हैं. जिस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 12 करोड़ की नहीं 87 लाख की दवाइयाँ एक्सपायरी हुई है. मच्छरदानी हमने नहीं खरीदी है, भारत सरकार ने जो भेजी है उसका वितरण किया है.
इसी के साथ सदन में विपक्ष ने मलेरिया और डायरिया के मामले में सरकार से असंतुष्ट होकर बहिर्गमन किया। जिसपर विधायक अजय चंद्राकर ने चुटकुले अंदाज में विपक्ष के बहिर्गमन पर कहा सवाल हमारा, जवाब हमारा, चिंता हमारी पर बहिर्गमन विपक्ष का
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