
बिलासपुर: मानसून से पहले जिले में रेत माफिया एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। अवैध रेत उत्खनन और भंडारण की शिकायतों पर गुरुवार को कलेक्टर संजय अग्रवाल के निर्देश पर खनिज विभाग ने कई क्षेत्रों में छापेमारी कर बड़ी कार्रवाई की। इस दौरान करहीकछार क्षेत्र में अवैध उत्खनन करते हुए एक चैन माउंटेन मशीन पकड़ी गई, जिसे तत्काल सील कर दिया गया।
खनिज विभाग की इस कार्रवाई में 150 हाईवा रेत, चैन माउंटेन और कई हाईवा वाहन जब्त किए गए। अनुमान के मुताबिक हर हाईवा में 12 घन मीटर रेत थी, यानी कुल 1,800 घन मीटर रेत अवैध रूप से जमा पाई गई।
जिले में 25 से अधिक अवैध खदानें, वैध खदानों में भी अनियमितता
बिलासपुर जिले में केवल 5 खदानें वैध हैं, लेकिन 25 से ज्यादा अवैध खदानें संचालित हो रही हैं। कोटा क्षेत्र की दो वैध खदानों—करहीकछार और सोढाखुर्द—में भी मशीन से खुदाई की जा रही थी, जो नियमों के खिलाफ है। खनिज विभाग की टीम ने मौके पर जाकर खुदाई में उपयोग हो रही मशीन को सील किया।
गांव में रेत डंप, जमीन किराए पर लेकर किया गया भंडारण
सोढाखुर्द गांव में नदी से अवैध रूप से निकाली गई रेत को खेतों में डंप किया जा रहा था। जानकारी सामने आई कि यह जमीन मनोहर सिंह राज द्वारा बिलासपुर निवासी हरिओम शर्मा को किराए पर दी गई थी, जहां रेत भंडारण किया गया था।
जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर सवाल
पंचनामा के दौरान जब खनिज विभाग ने सरपंच, उप सरपंच और सरपंच प्रतिनिधि से दस्तावेजों पर हस्ताक्षर की मांग की, तो उन्होंने इनकार कर दिया। जिसके बाद विभाग ने रेत को भूमि स्वामी मनोहर सिंह राज के सुपुर्द कर दिया।
इससे पहले भी मोढ़े गांव में सरपंच पति प्रमोद निर्मलकर के पास से 120 ट्रैक्टर रेत जब्त की गई थी। इससे जनप्रतिनिधियों और रेत माफिया के बीच मिलीभगत की आशंका को बल मिला है।
कलेक्टर की चेतावनी, अवैध उत्खनन पर सख्त कार्रवाई जारी
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण पर सख्त रवैया अपनाया है और खनिज विभाग को सतत निगरानी और कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। खनिज अधिकारियों की छापेमारी अभियान आगे भी जारी रहेगा।