बस स्टैंड के पास कार डिवाइडर से टकराकर पलटी, नशे में धुत थे युवक, पुलिस के पहुंचने से पहले ही हुए फरार

अम्बिकापुर। शहर में पुलिस की कार्यप्रणाली कितनी दुरूस्त व आम नागरिकों के लिए कितना जिम्मेदाराना है. इसका पता कल रात बाबू पारा से बस स्टैंड रोड में देखने को मिला। दरअसल, मामला रात्रि तकरीबन 10.30 के आस पास का है. प्रतेक्षदर्शियों ने बताया की एक पार्टी में भोजन करने के पश्चात बस स्टैंड की ओर वे जा रहे थे तभी बस स्टैंड की ओर से एक कार बेतहाशा स्पीड से आते हुए डिवाइडर से टकराया और फायर ब्रिगेड कार्यालय के ठीक सामने तीन बार पलटी खाकर पलट गया।
वहीं वे घटना देखकर सहम गए और तत्काल इसकी सूचना अंबिकापुर कोतवाली थाना प्रभारी के मोबाइल में कॉल लगाकर देने का प्रयास किया गया।लेकिन अफसोस शहर की जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा फोन उठाना जरूरी नहीं समझा गया। बहरहाल थोड़ी देर में ही लोगों की भीड़ वहां जुट गई और शराब के नशे में धुत युवकों को किसी तरह गाड़ी से बाहर निकाला गया।
महत्वपूर्ण बात यह है कि गाड़ी में सवार चारों युवक शराब के नशे में धुत थे गाड़ी छत्तीसगढ़ का नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के नंबर का था. दुर्घटना के पश्चात युवक इतना ज्यादा डर हुए थे कि किसी तरह गाड़ी को गड्ढे से निकालकर फटे हुए टायर को बदल कर वहां से भागने की जुगत में लग गए। भीड़ जो उन्हें बचाने का प्रयास कर रही थी. उनसे जब सवाल पूछने का प्रयास किया तो वे कुछ भी बताने को तैयार नहीं थे.
ऐसे में कोतवाली थाना प्रभारी के सरकारी नंबर पर प्रत्यक्षदर्शी द्वारा लगातार दो बार रिंग करने के बावजूद कोई रिस्पांस नहीं दिया गया। ऐसे में शहर की पुलिस व्यवस्था पर कई सवाल खड़े होते हैं।
हालांकि समाचार लगने के पश्चात यही पुलिस के अधिकारी सवाल का हल ढूंढने के बजाय कई बहाने बनाएंगे। लेकिन जरा सोचिए अगर उस कार के चपेट में कोई यात्री आ जाता तो क्या होता.. ? आखिर दुर्घटना में घायल युवक चोट लगने के पश्चात भी वहां से भागने की फिराक में क्यों थे…?।बहरहाल जिले व शहर के कप्तान महोदय को अपने अधिनस्थ आने वाले अधिकारियों को जनता का मोबाइल उठाने का आदेश देना चाहिए ताकि जनता को लगे पुलिस उनकी सेवा के लिए है ना कि जनता पुलिस की सेवा के लिए है।