रायपुर। एनएमडीसी खान पार्यावरण एवं खनिज संरक्षण सप्ताह का पुरस्कार वितरण कार्यक्रम शुक्रवार को राजधानी के एक निजी होटल में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में भारत सरकार के खान मंत्रालय के अपर सचिव संजय लोहिया, मुख्य खान नियंत्रक पी.एन.शर्मा, खान नियंत्रक अभय अग्रवाल और एनएमडीसी के निदेशक उत्पादन डी.के.मोहन्ती की मौजूदगी में खान सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और खनिज संरक्षण की दिशा में किए गए कार्यों के लिए विभिन्न श्रेणियों में 45 खदानों को सम्मानित किया गया। खानों को ए-वन, ए-टू, बी और सी श्रेणी में वर्गीकृत कर सम्मानित किया गया। ए-वन श्रेणी में 12, ए-टू श्रेणी में 13, बी श्रेणी में 11 और सी श्रेणी में 9 खनिको को सम्मानित किया गया।
विभिन्न मानकों पर सर्वश्रेष्ठ कार्यों के लिए एनएमडीसी की किरन्दुल डिपॉज़िट-14 खदान को सभी श्रेणियों मे प्रथम पुरस्कार दिया गया जबकि ए-वन श्रेणी में दूसरा पुरस्कार अल्ट्राटेक सीमेंट की लाईम स्टोन माईन्स को और तीसरा पुरस्कार एनएमडीसी के बचेली प्रोजेक्ट की डिपॉज़िट-5 माईन्स को दिया गया। बी श्रेणी में पहले स्थान पर सेल की महामाया माईन्स रही।
गरिमामय रुप से आयोजित कार्यक्रम में एनएमडीसी के किरन्दुल प्रोजेक्ट हेड आर.गोविंद राजन, मुख्य महाप्रबंधक विनय कुमार, भारतीय खान ब्यूरो के क्षेत्रीय नियंत्रक अरुण कुमार और भारतीय खान ब्यूरो, एनएमडीसी तथा सेल समेत छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में संचालित 45 खानों के प्रतिनिधि शामिल थे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए खान मंत्रालय के अपर सचिव संजय लोहिया ने विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार पानेवाली खानो और खनिकों को बधाई दी। इस अवसर पर उन्होनें कहा कि भारत सरकार भारतीय खान ब्यूरो के माध्यम से हरेक साल खान, पर्यावरण और खनिज संरक्षण के लिए बेहतर काम करने वाले माईन्स की रैंकिंग कर उन्हें पुरस्कृत करता है और खनिको को जागरुक करता है कि वो खनन करते समय पर्यावरण की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे।
इस अवसर पर एनएमडीसी के निदेशक (उत्पादन ) डी के मोहन्ती ने कहा कि एनएमडीसी का ध्येय वाक्य ही है “पर्या-हितैषी खनिक”। यानी एनएमडीसी खनन करते समय पर्यावरण की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। उन्होनें कहा कि एनएमडीसी द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा के लिए किए जा रहे कार्यों को किसी भी प्रोजेक्ट स्थल पर देखा जा सकता है।