संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के खिलाफ ये कार्रवाई की है. मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा समिति के सदस्य देशों अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस लगातार कोशिश कर रहे थे, लेकिन बार-बार चीन इस पर वीटो लगा दे रहा था. करीब 10 सालों में चीन 4 बार वीटो लगा चुका था. 2009, 2016, 2017 और फरवरी, 2019 में चीन ने प्रस्ताव पर वीटो लगाया था, लेकिन उसने अंतराष्ट्रीय स्तर पर दबाव पड़ने से चीन ने वीटो हटा दिया और इसके बाद मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया गया.
संयुक्त राष्ट्र के फैसले का फ्रांस ने किया स्वागत
फ्रांस सुरक्षा परिषद के फैसले का स्वागत करता है, फ्रांस कई वर्षों से अजहर को आतंकी घोषित करवाने की कोशिश में जुटा था, जो फरवरी में हुए पुलवामा हमले का भी जिम्मेदार है. फ्रांस सरकार ने मसूद पर 15 मार्च को ही प्रतिबंध लगा दिया था. फ्रांस की कोशिशों पर आज सुरक्षा परिषद ने भी मुहर लगा दी.
बीजेपी ने कहा-ये पीएम मोदी की आतंक पर जीत
मसूद अजहर पर कार्रवाई होने के बाद बीजेपी ने कहा कि ये आतंक के खिलाफ पीएम मोदी की बड़ी जीत है. ट्विटर पर बीजेपी ने लिखा, ‘भारत को मिली आतंकवाद के खिलाफ ऐतिहासिक सफलता. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पुलवामा आतंकी हमले का दोषी मसूद अजहर अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित. मोदी है तो मुमकिन है’
मसूद अजहर की चल-अचल संपत्ति होगी फ्रीज
अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित होने के बाद अब मसूद अजहर यूएन के सदस्य राष्ट्र देशों की यात्रा नहीं कर पाएगा. मसूद की चल-अचल संपत्ति फ्रीज की जाएगी. यूएन से जुड़े देश उसकी मदद नहीं कर पाएंगे. उसे हथियार नहीं दे पाएंगे.