मनोहर पर्रिकर का निधन: गोवा के सीएम और पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर का 63 साल की उम्र में रविवार देर शाम निधन हो गया. उनके निधन से पहले गोवा मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर बताया कि उनकी हालत नाजुक है और डॉक्टर अपनी हर संभव कोशिश कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने आज राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है, आज दिल्ली सहित सभी राज्यों की राजधानियों में तिरंगा आधा झुका रहेगा. गोवा में 7 दिन का शोक घोषित किया गया है. आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक भी बुलाई गई है.
चार बार गोवा के सीएम रहे पर्रिकर फरवरी 2018 से ही अग्नाशय के कैंसर से जूझ रहे थे. पिछले एक साल से बीमार चल रहे पर्रिकर का स्वास्थ्य दो दिन पहले बहुत बिगड़ गया था. मुख्यमंत्री के तौर पर अंतिम क्षण तक देश की सेवा में जुटे रहे मनोहर पर्रिकर ने गोवा के पणजी में आखिरी सांस ली. कैंसर की गंभीर बीमारी भी उन्हें काम से नहीं रोक पायी. उनके पास विकल्प था कि वो इलाज कराते हुए घर पर आराम करते लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और वो अंत तक अपने प्रदेश की सेवा करते रहे.
आज शाम पांच बजे होगा अंतिम संस्कार
-सुबह 9.30 बजे से 10.30 बजे तक मनोहर पर्रिकर के पार्थिव शरीर को पणजी में बीजेपी ऑफिस में रखा जाएगा.
– 10.30 बजे सुबह पार्थिव शरीर को पणजी की कला अकादमी ले जाया जाएगा
– 11 बजे सुबह से शाम 4 बजे तक पणजी की कला अकादमी में उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी
– 4 बजे शाम एसएजी ग्राउंड तक अंतिम यात्रा निकाली जाएगी
– 5 बजे शाम राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा
गोवा से पर्रिकर का प्यार इस कदर था कि रक्षामंत्री बनने के बाद भी वो रहते थे रक्षा मंत्रालय में थे लेकिन उनका दिल गोवा में ही रहता था. 2017 में जब गोवा के अंदर सरकार बनाने का पेंच फंसा थो वो रक्षामंत्री का पद छोड़ वापिस गोवा पहुंच गए. ये उनका करिश्माई नेतृत्व ही था कि कांग्रेस सबसे बड़ा दल होने के बावजूद भी सत्ता से दूर हो गई. छोटे-छोटे दलों ने पर्रिकर के नेतृत्व को तुरंत स्वीकार किया और राज्य में बीजेपी की सरकार बनी.
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति समेत पूरे देश ने दी श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मनोहर पर्रिकर को ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी. राष्ट्रपति ने लिखा, “गोवा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ. उन्होंने दृढ़ता और गरिमा से अपनी बीमारी का सामना किया. सार्वजनिक जीवन में सत्यनिष्ठा और समर्पण के प्रतीक रहे श्री पर्रिकर ने गोवा की और भारत की जो सेवा की है, वह हमेशा याद रखी जाएगी.”
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने पुराने साथी के दुनिया छोड़कर जाने पर उन्हें याद किया और श्रद्धांजलि दी. प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “मनोहर पर्रिकर बेमिसाल नेता थे. एक सच्चे देशभक्त और असाधारण प्रशासक थे, सभी उनका सम्मान करते थे. देश के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा पीढ़ियों तक याद रखी जाएगी. उनके निधन से बहुत दुखी हूं. उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदनाएं. शांति.”
देश पहले IITan विधायक, सादगी थी खास पहचान
मनोहर पर्रिकर देश के पहले आईआईटी के छात्र थे जो मुख्यमंत्री बने और चार बार उन्होंने गोवा की कमान संभाली. गोवा जैसे छोटे से राज्य का नेतृत्व करते हुए भी उनका व्यक्तित्व इतना महान था कि पूरा देश उन्हें याद कर रहा है.
मध्यमवर्गिय परिवार में 13 दिसंबर, 1955 में जन्मे पर्रिकर ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक के रूप में करियर शुरू किया. यहां तक कि आईआईटी बंबई से स्नातक करने के बाद भी वह संघ से जुड़े रहे. सक्रिय राजनीति में पर्रिकर का पदार्पण 1994 में पणजी सीट से बीजेपी टिकट पर चुनाव जीतने के साथ हुआ. वह 2014 से 2017 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट में रक्षा मंत्री रहे.