महाशिवरात्रि : शिव के जलाभिषेक के लिए भक्त नदी – नाले व पहाड़ो को भी करते है पार,अबूझमाड़ के दुर्गम व नक्सल प्रभावित इलाके में है प्रसिद्ध तुलार गुफा
दिनेश गुप्ता
भगवान शिव के दर्शन करने के लिये मीलों का सफर कर श्रद्धालु तुलार गुफा पहुचते है। भगवान शिव के प्रति लोगो की श्रध्दा नदी-नालो व पहुँच मार्ग की कठिनाई को भी बौना कर देती है। तुलार गुफा पहुचने के लिये भक्त इंद्रावती नदी व बीहड़ जंगल व पर्वतीय मार्ग पार करते है। तथा यहाँ पहुंच कर भगवान शंकर का जलाभिषेक करते है ।
इंद्रावती नदी पार तुलार गुफा जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा से करीब 40 से 50 किलोमीटर की दूरी पर घनघोर जंगली व दुर्गम पर्वतीय इलाके में स्थित है। यह अबूझमाड़ का इलाका भी कहलाता है। शिवरात्रि कर अवसर पर पहाड़ी में स्थित तुलार गुफा में भक्तों का जमावड़ा लगता है। जिले के हर कोने से भक्त शिव दर्शन के लिये पहुँचते है।
भगवान शंकर की इस प्रसिद्ध तुलार गुफा की लंबाई लगभग 70 से 80 मीटर है। और प्रवेश द्वार की ऊँचाई 20 से 25 मीटर है। इस अंचल में रहने वाले लोगो का कहना है कि इस गुफा में स्थित शिवलिंग पर साल भर जलाभिषेक अपने आप होते रहता है। चट्टानों से रिस कर पानी लगातार शिवलिंग पर गिरता है। पर इस गिरते पानी का कोई स्रोत भी आसपास नजर नही आता है।