
भारत में पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य के लिए रखे जाने वाले कई व्रत हैं. इन्हीं व्रतों में से एक करवा चौथ का व्रत भी है. साल 2021 में करवा चौथ का व्रत 24 अक्टूबर को पड रहा है. हिंदी पंचांग के मुताबिक़ कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्थी रविवार को यानी आज करवा चौथ को पांच साल बाद विशिष्ट संयोग बन रहे हैं। सबसे बड़े सुहाग पर्व पर रोहिणी नक्षत्र होगा।
इसी संयोग में सुहागिन पति के दीर्घायु और अखंड सौभाग्य के लिए चंद्रमा को अर्घ्य देंगीं। करवाचौथ को करक चतुर्थी और दशरथ चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सुहागिनें करवा चौथ की पूजा कर चंद्रमा को अर्ध्य देकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
करवाचौथ शुभ मुहूर्त…
कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि प्रारंभ-रविवार सुबह 3 बजकर 1 मिनट
चतुर्थी तिथि समापन- सोमवार सुबह 5 बजकर 43 मिनट तक ।
चंद्रोदय का समय- 8 बजकर 09 मिनट पर
करवाचौथ पूजन : शुभ मुहूर्त रविवार शाम 06:55 से लेकर 08:51 तक रहेगा।
करवा चौथ व्रत का महत्त्व…
सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के साथ निर्जला व्रत रखती हैं। यह व्रत सौभाग्य, सुख और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन शिव परिवार और भगवान गणपति की पूजा करनी चाहिए।
मान्यताओं के अनुसार चंद्रमा की 27 पत्नियों में सबसे प्रिय रोहिणी के साथ होने से यह योग बन रहा है। चंद्रमा का उदय रोहिणी नक्षत्र का होना अपने आप में एक अद्भुत संयोग है। रात 1 बजकर 02 मिनट तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा।
24 अक्टूबर रविवार शाम 5:43 बजे से रात्रि 8:54 बजे तक शुभामृत योग में पूजा स्थल पर करवा चौथ की कथा व पूजन तथा उसके पश्चात अमृत योग में चंद्रमा को अर्घ्य दिए जाने का मुहूर्त है। सूर्य राहु के नक्षत्र स्वाति में प्रातः 6:13 पर आ जाएंगे। इस प्रकार यह सुसंयोग रुके हुए कार्यों को गति देने का बन जाएगा।
पूजन मुहूर्त…
अमृत मुहूर्त- 10:40 से 12:05 तक कुलदेवता/कुलदेवी पूजन
शुभ मुहूर्त – 1:29 से 2:54 तक शिव परिवार पूजन
सायं- शुभ मुहूर्त- 5:43 से 7:18 तक करवा चौथ कथा पूजन
अमृत मुहूर्त- 7:18 से 8:54 तक – इंद्र इंद्राणी, चंद्र पूजन