रायपुर। रायपुर जिले के खरोरा तहसील के बंगोली गांव में ग्राम पंचायत की फर्जी प्रस्ताव के आधार पर स्थापित राईस मिल प्लांट के खिलाफ ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना अभी भी जारी है. इनकी मांगो को और गंभीरता से लेते हुए इनकी इस मुहीम को बल देने आज छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक और हसदेव बचाओ आंदोलन के आलोक शुक्ला धरना स्थल पर पहुंचे. साथ ही पेंड्रावन जलाशय बचाओ किसान संघर्ष समिति के सचिव घनश्याम वर्मा और राहुल भोजवानी इस आंदोलन में शामिल हुए ।
धरना को संबोधित करते हुए आलोक शुक्ल ने कहा कि यह सिर्फ जमीन पर अवैध कब्जे का सवाल नहीं है बल्कि पर्यावरण प्रदूषण से आसपास के कई गांव प्रभावित होंगे । उन्होंने कहा की प्रदेश में सभी जगह यही हालात है, पंचायतों के फर्जी प्रस्ताव के आधार पर शासन प्रशासन की मिलीभगत से जबरन उद्योग स्थापित हो रहे हैं । जब किसान इसका विरोध करते हैं तो उन्ही के ऊपर दमनात्मक कार्यवाही की जाती है ।
उन्होंने पंचायत संचालनालय छत्तीसगढ़ शासन के 27 दिसंबर 2023 के आदेश की निंदा करते हुए कहा कि विभाग ने ग्रामसभा के प्रस्ताव को नकारकर ग्रामपंचायत के फर्जी प्रस्ताव को बिना किसी जांच के मान्य करते हुए कार्यवाही की । आदेश में लिखा गया है कि छव्ब् निरस्त करने के ग्रामसभा बैठक में सरपंच और पंच सहमत नहीं थे इसीलिए वह प्रस्ताव अमान्य है जबकि कानून के अनुसार ग्रामसभा का निर्णय बहुमत के आधार पर होता है और पंचायत प्रतिनिधि उसमे ग्रामसभा सदस्य की हैसियत से शामिल होतें हैं ।
घनश्याम वर्मा ने कहा कि जिस तरह हम लोगों ने पेंड्रावन जलाशय में खनन की गुपचुप छव्ब् देने का खुलासा करते व्यापक किसान आंदोलन से पेंड्रावन को बचाया उसी तरह इस अवैध राईस मिल को बंद करवाकर क्षेत्र को प्रदूषण से बचायेंगे ।