भारत ने अंतरिक्ष की तीन अलग कक्षाओं में लांच किये रक्षा उपग्रह और 28 अन्य उपग्रह

सोमवार 1 अप्रैल को सुबह साढ़े नौ बजे भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान इसरो ने एसीसैट 28 लांच किया जिसे पीएसएलवी–सी45 राकेट से अंतरिक्ष में भेजा गया।
बंगाल की खाड़ी में स्थित आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से 28 नैनो उपग्रह सफलता के साथ अंतरिक्ष में छोड़े गए।
आपको बता दें कि इसरो का ये मिशन इसलिये भी खास है क्योंकि एक ही उड़ान में अंतरिक्ष की तीन अलग अलग कक्षाओं में स्थापित करने के लिये उपग्रहों को छोड़ा गया।
इनमें सबसे महत्वपूर्ण उपग्रह भारत का ऐमीसैट है जिसका मतलब है इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सैटेलाइट, इसे डीआरडीओ और इसरो ने मिलकर बनाया है।
इन सभी उपग्रहों में 24 उपग्रह अमेरिका के हैं और एक-एक उपग्रह, लिथुआनिया, स्पेन, स्विट्ज़रलैंड का है।
436 किलोग्राम के ऐमिसैट उपग्रह का काम अंतरिक्ष से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम की मापना होगा। पीएस 4 ऑर्बिट प्लेटफ़ॉर्म माइक्रोग्रैविटी वातावरण मुहैया कराने में मददगार होगा जिसका इस्तेमाल कई संस्थानों और शिक्षा संस्थानों के लिये शोध और परीक्षण करने में मदद करेगा।
लांच होने के समय इस पूरे मिशन की निगरानी इसरो अध्यक्ष के. सिवन ने कई वौज्ञानिकों के साथ की।