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स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सामूहिक दवा सेवन एवं फाइलेरिया के कम्युनिकेशन कैंपेन का किया वर्चुअल उदघाटन

प्रदेश के 3 जिलों रायपुर, बलौदाबाजार व गरियाबंद में चलाया जाएगा सामूहिक दवा सेवन अभियान

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा फाइलेरिया रोग के सम्पूर्ण उन्मूलन के लिए आज टी. एस. सिंह देव, स्वास्थ्य मंत्री, छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सामूहिक दवा सेवन (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) कार्यक्रम का वर्चुअल उदघाटन, औपचारिक रूप से फाइलेरिया की दवाएं स्वयं खाकर किया गया। इस अवसर पर उन्होंने फाइलेरिया के सम्बन्ध में फिल्म अभिनेता श्री मनोज वाजपेयी द्वारा लोगों को ऑडियो-विज़ुअल के माध्यम से दिए गए संदेशो का भी उद्घाटन किया।

छत्तीसगढ़ सरकार फाइलेरिया रोग के सम्पूर्ण उन्मूलन हेतु पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य के फलस्वरूप, छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत आज दिनांक 12 दिसम्बर से राज्य के फाइलेरिया प्रभावित तीन जिलों यथा- रायपुर, गरियाबंद एवं बलोदा बाज़ार में सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम को भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार का अनुपालन करते हुए प्रारंभ किया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने अपने उदबोधन भाषण में कहा “हमारी सरकार सभी की स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु वचनबद्ध है। विशेषकर, वेक्टर जनित रोगों के उन्मूलन के लिए हम सब प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहें हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि केंद्र स्तर, राज्य स्तर, ब्लॉक स्तर और ग्राम स्तर पर किये जा रहे समन्वित प्रयासों से राज्य से फाइलेरिया का सम्पूर्ण उन्मूलन सुनिश्चित होगा। उन्होंने यह भी कहा कि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के दौरान बूथ पर दवाएं खिलाए जाने के बाद लोगों को घर-घर जाकर दवाएं खिलाना सुनिश्चित करें ताकि कोई भी लाभार्थी छूट न जाये । उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि हाइड्रोसील प्रकरणों का ऑपरेशन किया जाये एवं फाईलेरिया प्रकरणों का प्रबंधन किया जाये ताकि छत्तीसगढ़ जल्द से जल्द फाइलेरिया मुक्त राज्य बन सके। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि फाइलेरिया के सम्बन्ध में फिल्म अभिनेता मनोज वाजपेयी द्वारा लोगों को ऑडियो-विज़ुअल के माध्यम से दिए गए संदेशो को अंतर विभागीय समन्वय बनाकर प्रत्येक संभावित प्लेटफार्म द्वारा प्रसारित करवाया जाये ताकि जन-समुदाय में इन बीमारियों से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारियां पहुँच सकें।

इस अवसर पर संयुक्त संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ डॉ. सुरेन्द्र पामभोई ने बताया कि फाइलेरिया रोग संक्रमित क्युलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार फाइलेरिया, दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। किसी भी आयु वर्ग में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और अगर इससे बचाव न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है। फाइलेरिया के कारण चिरकालिक रोग जैसे हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन), लिम्फेडेमा (अंगों की सूजन) व काइलुरिया (दूधिया सफेद पेशाब) से ग्रसित लोगों को अक्सर सामाजिक बहिष्कार का बोझ सहना पड़ता है, जिससे उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। उन्होंने यह भी कहा कि फाइलेरिया रोधी दवाएं स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा घर-घर जाकर, अपने सामने मुफ्त खिलाई जाएगी एवं किसी भी स्थिति में, दवा का वितरण नहीं किया जायेगा। दवायें खाली पेट नहीं खाना है। 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को फाइलेरिया रोधी दवाएं नहीं खिलाई जाएगी।

राज्य नोडल अधिकारी, फाइलेरिया डॉ. जगन्नाथ राव ने बताया कि सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम में सभी वर्गों के लगभग 54 लाख 14 हज़ार लाभार्थियों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए डी.ई.सी. एवं अल्बंडाज़ोल की निर्धारित खुराक, स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा घर-घर जाकर, अपने सामने मुफ्त खिलाई जाएगी। डॉ. राव ने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं और रक्तचाप, शुगर, अर्थरायीटिस या अन्य सामान्य रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को भी ये दवाएं खानी सामान्य लोगों को इन दवाओं के खाने से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं और अगर किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के कृमि मौजूद हैं, दवा खाने के बाद से ऐसे लक्षण उत्पन्न होते हैं। सामान्यतः ये लक्षण स्वतः समाप्त हो जाते है | ऐसी किसी भी परिस्थिति के लिए उपरोक्त 3 जिलों के प्रत्येक ब्लाक में दवा सेवन के दौरान किसी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए राज्य स्तर से कुल 110 प्रशिक्षित रैपिड रिस्पॉन्स टीम तैनात है, जो दवाओं के साथ उपचार के लिए तत्पर हैं। डॉ. राव ने यह भी बताया कि स्वास्थ्य मंत्री महोदय द्वारा अपील करने पर पूर्व चरणों में समुदाय में कवरेज 96 प्रतिशत तक पाया गया है।

क्षेत्रिय निदेशक, भारत सरकार, डॉ. कांबले ने बताया कि हमारी टीम मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम समाप्त होने के बाद सम्बंधित क्षेत्रों के कम से कम 30 गाँवों में जाकर कार्यक्रम के दौरान संपन्न हुई गतिविधियों का अनुश्रवण एवं मूल्यांकन करते हैं, उसके बाद संकलित रिपोर्ट को भारत सरकार को सूचनार्थ प्रेषित करते हैं।
ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज के सीनियर डायरेक्टर अनुज घोष ने वर्चुअल रूप से जुड़े हुए लोगों से अनुरोध किया कि फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को प्रत्येक स्तर पर जागरूक करें ताकि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के दौरान लोग इनसे सुरक्षित रखने वाली दवाओं का सेवन स्वास्थ्य कर्मियों के सामने अवश्य करें।

इस अवसर पर संचालनालय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ के विभागीय अधिकारी, सम्बंधित जिलों के जिलाधिकारी और सम्बंधित स्वास्थ्य अधिकारी, ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज, विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल के प्रतिनिधि सहित राज्य के उन जिलों के मीडिया सहयोगी भी वर्चुअल रूप से जुड़े , जहां मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन आयोजित किया जा रहा है।

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