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CGMSC घोटाला मामले में EOW-ACB की तीन शहरों में छापेमारी,डेढ़ दर्जन ठिकानों पर चल रही कार्यवाही

रायपुरः CGMSC के करोड़ो भ्रष्ट्राचार मामले में EOW-ACB की टीम ने रायपुर, दुर्ग और पंचकुला में मोक्षित कार्पोरेशन के साथ ही अन्य दवा सप्लायर और सीजीएमएससी के अफसरों के ठिकानों पर छापेमारी की है। छापे की कार्यवाई अभी भी जारी है। छापे की कार्यवाई राज्य सरकार द्वारा पूरे मामले की जांच EOW-ACB को दिए जाने के बाद की है। गौरतलब हो कि राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भूपेश सरकार के दौरान 660 करोड़ की गैरजरूरी रीएजेंट की खरीदी का मामला जोर-शोर से उठा था जिसके बाद स्वास्थ मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने पूरे मामले की जांच EOW-ACB से कराने की सदन में घोषणा की थी।

क्या है पूरा मामला

गौरतलब हो कि बिना जरूरी, बिना डिमांड के 660 करोड़ की रिजेंट सप्लाई की गई थी जिसमें 28 करोड़ की रिजेंट बर्बाद हो गए थे और बाद में और भी खराब हो गए। भूपेश सरकार में सुनियोजित रूप से भ्रष्टाचार हुआ। इस मामले को बीजेपी के वरिष्ठ विधायक धरमलाल कौशिक ने विधानसभा में उठाते हुए आरोप लगाया कि, दवा खरीदी में बड़े पैमाने पर भ्रष्ट्राचार हुआ है, इसकी जांच की जानी चाहिये।

विधानसभा में जवाब देते हुए मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने रीएजेंट खरीदी मामले में जांच की घोषणा की। मंत्री ने कहा कि EOW से रीएजेंट खरीदी की जांच करायी जायेगी। मोक्षित कंपनी की तरफ से रीएजेंट की सप्लाई की गयी है, सदन में इस मामले में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाया गया, जिस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जांच में सब कुछ स्पष्ट हो जायेगा। बीजेपी विधायकों को मांग पर ईओडब्ल्यू जांच की घोषणा हुई है। दरअसल, ध्यानाकर्षण में भाजपा के सीनियर विधायक धरमलाल कौशिक ने सीजीएमएससी की तरफ से की गयी दवा व रीएजेंट खरीदी में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया। धरमलाल कौशिक ने सदन में कहा कि, CGMSC की तरफ से 660 करोड़ की दवा खरीदी की गयी थी। इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। वैसी दवाई और सामानों की खरीदी की गयी, जिसकी ना तो जरूरत थी और ना ही डिमांड की गयी थी।

 

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