
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट को सोमवार को पांच नए न्यायाधीश मिल गए हैं। सुप्रीम कोर्ट सभागर में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने जजों को शपथ दिलाई। इसके बाद नए जजों ने अपना पदभार ग्रहण किया। अब सुप्रीम कोर्ट में कुल न्यायाधीशों की संख्या 32 हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में स्वीकृत न्यायाधीशों की संख्या 34 है।
केंद्र सरकार ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के 5 नए जजों के नाम को मंजूरी दी थी। जिसके बाद आज चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने पांच नए न्यायाधीश को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके बाद नए जजों ने अपना पदभार ग्रहण किया।
राजस्थान, पटना और मणिपुर के उच्च न्यायालयों के तीन मुख्य न्यायाधीशों न्यायमूर्ति पंकज मित्तल, न्यायमूर्ति संजय करोल और पीवी संजय कुमार ने शपथ ग्रहण की। इसके साथ ही पटना उच्च न्यायालय के जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा को शपथ दिलाई गई।
Delhi | CJI DY Chandrachud administers the oath of office to Justice Pankaj Mithal, Justice Sanjay Karol, Justice Sanjay Kumar, Justice Ahsanuddin Amanullah and Justice Manoj Misra, as a Supreme court judge. pic.twitter.com/8KRYaV9ksw
— ANI (@ANI) February 6, 2023
जानिए 5 नए जजों के बारे में
जस्टिस पंकज मित्थल : इलाहाबाद हाईकोर्ट से शुरू की थी वकालत
17 जून, 1961 को जन्मे मेरठ के रहने वाले जस्टिस पंकज मित्थल वरिष्ठता में पहले नंबर पर हैं। 1982 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक करने के बाद 1985 में मेरठ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिल की। उसी साल उत्तर प्रदेश बार काउंसिल में पंजीकरण कराने के बाद उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत भी शुरू कर दी थी।
जस्टिस करोल : हिमाचल प्रदेश मूल हाईकोर्ट, पटना में थे मुख्य न्यायाधीश
वरिष्ठता में दूसरे नंबर पर जस्टिस संजय करोल हैं, जिनका मूल हाईकोर्ट हिमाचल प्रदेश है। सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किए जाने के समय वह पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे। 23 अगस्त, 1961 को हिमाचल प्रदेश में जन्मे जस्टिस करोल ने शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल और राजकीय डिग्री कॉलेज, शिमला से शिक्षा हासिल की।
जस्टिस संजय कुमार : 1988 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में शुरू की थी वकालत
जस्टिस पीवी संजय कुमार मूलरूप से तेलंगाना हाईकोर्ट से संबंध रखते हैं। 14 अगस्त, 1963 को जन्मे जस्टिस कुमार ने निजाम कॉलेज, हैदराबाद से स्नातक करने के बाद 1988 में दिल्ली विवि से लॉ की डिग्री हासिल की थी। जल्दी ही उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर दी। 2008 में उन्हें आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज नियुक्त किया गया था।
जस्टिस ए अमानुल्ला : 1991 में पटना हाईकोर्ट में शुरू की थी वकालत
11 मई, 1963 को जन्मे जस्टिस ए अमानुल्ला पटना हाईकोर्ट से संबंध रखते हैं। उन्होंने 1991 में बिहार राज्य बार काउंसिल में पंजीकरण के बाद पटना हाईकोर्ट में वकालत शुरू की थी। 20 जून, 2011 को पटना हाईकोर्ट में न्यायाधीश बनाए जाने तक वह उसी हाईकोर्ट में सरकारी वकील थे। 10 अक्तूबर, 2021 को उनका तबादला आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में कर दिया गया था।
जस्टिस मनोज मिश्र : 2011 में बने इलाहाबाद हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किए गए पांच जजों में से वरिष्ठता क्रम में पांचवें स्थान पर जस्टिस मनोज मिश्र हैं। 2 जून, 1965 को पैदा हुए जस्टिस मिश्र ने 1988 में इलाहाबाद हाईकोर्ट से वकालत शुरू की थी। 21 नवंबर, 2011 को उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज बनाया गया था। 6 अगस्त, 2013 को वह स्थायी जज बने थे।