
रायपुर : राजधानी रायपुर में ड्रग्स तस्करी के एक चर्चित मामले में अदालत ने ‘प्रोफेसर गैंग’ के चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। एनडीपीएस एक्ट के तहत विशेष न्यायाधीश किरण थवाइत की अदालत ने यह फैसला सुनाया। मामले में दोषी पाए गए आरोपियों में गैंग के सरगना आयुष अग्रवाल, चिराग शर्मा, कुसुम हिंदुआ और महेश सिंह खड़का शामिल हैं। इन्हें रायपुर के धोतरे पैलेस से कोकीन के साथ गिरफ्तार किया गया था।
2024 में हुआ था गैंग का भंडाफोड़
2024 में रायपुर क्राइम ब्रांच ने ‘मनी हाइस्ट’ वेब सीरीज़ से प्रेरित इस गैंग का खुलासा किया था। पुलिस ने बड़ी मात्रा में ड्रग्स बरामद करते हुए तीन मुख्य आरोपियों को पकड़ा था। पूछताछ के बाद आर्यन ठाकरे नाम के एक और आरोपी को पकड़ा गया, जिसके पास से 10 लाख रुपये से ज्यादा की ड्रग्स और कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त की गईं।
कुल्लू-मनाली से होती थी ड्रग्स की आपूर्ति
पूछताछ में सामने आया कि आरोपी आर्यन ठाकरे हिमाचल प्रदेश के कुल्लू-मनाली से कोकीन व अन्य नशे की सामग्री मंगवाकर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में तस्करी करता था। रायपुर के टिकरापारा इलाके में पुलिस ने उसे रंगे हाथों 10 लाख की ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया था।
बड़े नेटवर्क की जांच जारी
तस्करों के पास से बरामद मोबाइल डिवाइस और दस्तावेजों से खुलासा हुआ कि उनके संपर्क में 600 से अधिक लोग थे। पुलिस को शक है कि इन तस्करों से ड्रग्स खरीदने वालों में उद्योगपति, बिल्डर्स और अन्य कारोबारी वर्ग के लोग भी शामिल हो सकते हैं। अब साइबर सेल की टीम इस डाटा की गहन जांच कर रही है और जल्द ही संदिग्धों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। इस कार्रवाई से रायपुर पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है और नशा तस्करी के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है।