
कवर्धा: कबीरधाम जिले के पंडरिया निवासी एक किसान मनीष पांडे वर्षों से अपनी कृषि भूमि पर भू-माफिया के अवैध कब्जे से परेशान होकर कलेक्टर के पास इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगने पहुंच गया। लगातार राजस्व विभाग के चक्कर काटने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से किसान गहरी निराशा में है।
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भू-माफिया के कब्जे से तंग, वर्षों से भटक रहा किसान
मनीष पांडे और उनके भाई आशीष पांडे का कहना है कि उन्होंने पटवारी, आरआई और राजस्व अधिकारियों से कई बार सीमांकन की मांग की, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन और तारीखें ही मिलीं।
हाल ही में, 23 जून 2025 को कलेक्टर कार्यालय से भू-अभिलेख शाखा ने सीमांकन कर प्रकरण के त्वरित निराकरण का आदेश दिया था। आदेश के बाद दो पटवारी और दो आरआई सीमांकन के लिए मौके पर पहुंचे, लेकिन खसरा नंबर में त्रुटि का हवाला देकर जांच अधूरी छोड़ वापस लौट गए।
टूट चुका किसान, कलेक्टर से मांगी इच्छा मृत्यु की इजाजत
इन घटनाओं से मानसिक रूप से परेशान होकर मनीष पांडे ने कलेक्टर कवर्धा के समक्ष पेश होकर इच्छा मृत्यु की मांग कर डाली। उन्होंने कहा कि उन्हें अब इंसाफ की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।कलेक्टर ने उन्हें समझाइश दी और जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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बड़ा सवाल: क्या भू-माफियाओं पर होगी कार्रवाई?
यह मामला प्रशासनिक उदासीनता और सिस्टम की सुस्ती को उजागर करता है। अब सवाल यह है कि क्या जिला प्रशासन भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाकर इस पीड़ित किसान को न्याय दिला सकेगा, या फिर यह मामला भी अन्य शिकायतों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा?