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भाजपा नेता ने सीएम भूपेश बघेल को लिखा पत्र, मुख्यमंत्री समेत कांग्रेस नेताओं द्वारा उपयोग किये गए अपशब्दों की सूची की जारी

रायपुर। प्रदेश भाजपा के प्रकाशन प्रमुख पंकज झा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिख कर सीएम समेत कांग्रेस नेताओं द्वारा उपयोग किये गए अपशब्दों की सूची जारी की. अपने पत्र में पंकज ने मुख्यमंत्री बघेल से आग्रह किया है कि वे दूसरो की तरफ एक अंगुली उठाते हुए खुद की तरफ उठी तीन अँगुलियों पर ध्यान दें.

पंकज झा ने सीएम बघेल से पत्र में लिखा है कि कल देर रात का आपका ट्वीट और उसमें इस्तेमाल की गयी भाषा पढ़ कर दुखी हुआ. कांग्रेस द्वारा ऐसी धमकाऊ भाषाओं इस्तेमाल का यह कोई पहला मामला भी नहीं है. मीडिया,सोशल मीडिया पर सक्रिय लाखों लोगों को जिस भाषा में ट्वीट के माध्यम से आपके द्वारा धमकी दी गयी है, वह अनुचित है. उस पर तुर्रा यह कि उलटे कांग्रेस, प्रदेश के विपक्ष और मीडिया पर ही खराब भाषा उपयोग करने का आरोप लगा रहा है.

आश्चर्य यह भी है कि केंद्र में बकौल आप, विपक्ष के कथित बड़े नेता के लिए आप जैसा सम्मान देने जनता, विपक्ष और मीडिया को धमका रहे हैं, वैसा सम्मान आप खुद प्रदेश के मुख्य विपक्ष को नहीं देना चाहते. लगातार कांग्रेस का आपका गुट विपक्ष को न केवल धमकाता रहता है बल्कि अशोभनीय और असंसदीय शब्दों का उपयोग कर उसे अपमानित भी करता रहता है. करेले पर नीम भी तब चढ़ जाता है कि बावजूद उसके न केवल आप ही बदजुबानी की शिकायत भी करते हैं, अपितु प्रदेश के गरीब जनता की गाढ़ी कमाई खर्च कर विपक्ष और मीडिया पर उल-जुलूल मुकदमें भी करते रहते हैं. इतना समय और संसाधन अगर आपने अपने घोषणा पत्र के वादे को पूरा करने में लगाते तो शायद ऐसे मुकदमेबाजी की आपको ज़रुरत नहीं पड़ती. ऐसे मुकदमों से सिवा जनपथ के कुछ वकीलों के, किसी को भी कोई लाभ मिला हो, ऐसा दिखा नहीं कभी. अनेक बार उच्च अदालतों और सर्वोच्च अदालतों से भी न केवल ऐसे मुकदमों के लिए कांग्रेस सरकार को फटकार मिली, लगभग हर बार बुरी तरह आपको हार मिली बल्कि एकाधिक मामलों में तो कोर्ट को साफ़-साफ़ कहना पड़ा कि राज्य शासन ने मुकदमें राजनीतिक द्वेषवश किये हैं. बावजूद इसके शासन द्वारा बिना अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने में जी-जान से जुटे रहना तकलीफदेह है.

आगे उन्होंने पत्र में कहा भूपेश जी, एक कहावत है, जब आप किसी पर एक अंगुली उठाते हैं तो तीन अंगुलियां स्वयं आपकी तरफ होती है. आज इस पत्र के माध्यम से अपनी कोशिश आपको आपकी तरफ उठी तीन अंगुलियों पर ध्यान दिलाना है. सबसे पहले संदर्भवश यह बता दें कि जिस कथित थूक प्रकरण को आपने एक मुद्दे की तरह लपकते हुए दिल्ली से भी राष्ट्रीय प्रवक्ताओं को बुलावा लिया था और जो प्रवक्ता यहां हमें संस्कार की सीख दे रही थी, उनके खुद के वीडियो में दो बार कहा था – योगी जी के मूंह पर थूकती हूं. भाजपा को संस्कार सिखा कर गयी उन्हीं प्रवक्ताओं में से एक अलका लाम्बा ने कहा था – गाय मां है लेकिन उसे पीरियड नहीं आते.

आपको अपने जिन नेता के सम्मान की चिंता ने इस तरह परेशान कर दिया उन्होंने खुद संघ और भाजपा के खिलाफ दिए अनर्गल बयानों के लिए अदालतों में माफी मांगते रहने की खबर आपने लगातार पढ़ी ही होगी. कांग्रेस द्वारा दी गयी सभी गालियां और अपशब्द तो एकत्र नहीं कर पाया हूं, फिर भी कुछ अपशब्दों (जिसके दिनांक के आधार पर साक्ष्य हमारे पास सुरक्षित हैं) की आपको याद दिलाते हुए ज़रा सा आत्ममंथन करने का आग्रह करता हूं. लोहिया जी ने कहा था- लोकतंत्र, लोकलाज से चलता है. तो अगर भाजपा भी इस भाषा का इस्तेमाल करने लगेगी तो आपमें और उसमें कोई फर्क ही नहीं रह जाएगा. भाजपा यह फर्क हमेशा कायम रखेगी, और आपकी पार्टी से भी सभ्य आचरण की उम्मीद छोड़ना नहीं चाहेगी.

पहले आप समेत छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेताओं के मुखारविंद से ही निकले कुछ शब्द देखते हैं:-

1. दोगला हैं भारतीय जनता पार्टी के लोग : भूपेश बघेल.
2. डा. रमन मूर्खों जैसी बात करते हैं : भूपेश बघेल.
3. एयरपोर्ट भाजपा वालों के नाना, स्टेशन उसके दादा ने नहीं बनाया है : भूपेश बघेल.
4. संघ नक्सलियों जैसे, संघ समर्थक पैर छू कर गोली मार देते हैं : भूपेश बघेल.
5. एकता कपूर को नए स्क्रिप्ट पर काम शुरू कर देना चाहिए. क्योंकि अमेठी की जनता ने स्मृति इरानी को लम्बी छुट्टी पर भेजने का मन बना लिया है. भूपेश बघेल. (इसका भाजपा द्वारा आप की भाषा में ही जवाब देने पर आपने पार्टी पर मुकदमा कर दिया था)
6. पालतू गोदी मीडिया, मोदी आत्ममुग्ध, कायर और क्रूर : छग कांग्रेस का ट्वीट.
7. गुजराती देश बेच कर मानेगा : शकुंतला साहू, कांग्रेस विधायक.
8. आरएसएस नक्सलियों से ज्यादा खतरनाक : दीपक बैज.
9. वो (मोदी) कफ़न से लम्बी दाढ़ी बढाएगा : छग कांग्रेस.
10. झूठ का अड्डा जे पी नड्डा : कांग्रेस का ट्वीट.
11. भाजपा जिसका सम्मान करती है उसकी ह्त्या कर देती है : श्री पीएल पुनिया, प्रदेश प्रभारी, छत्तीसगढ़ कांग्रेस.
12. मोदी गंदी नाली का कीड़ा : बी के हरि प्रसाद (छग के पूर्व कांग्रेस प्रभारी)
13. श्रीमती डी. पुरंदेश्वरी की तुलना दस्यु फूलन देवी से : श्री कवासी लखमा.
14. बड़ा नेता बनना है तो एसपी-कलेक्टर की कॉलर पकड़ो : श्री कवासी लखमा, बच्चों से बात करते हुए.
15. चना बंद कर देना चाहिए यह केवल आदिवासियों के चखने का काम आता है. आदिवासी प्राधिकरण की बैठक में लखमा.
16. मैनपाट सत्यनारायण पूजा के लिए नहीं, आमोद-प्रमोद के लिए जाते हैं : अमरजीत भगत, अवैध शराब के बचाव में.
17. सरगुजा के आदिवासी अंगूठा छाप : कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह, पत्रकार के प्रश्न जवाब में.
18. आदिवासी समाज के युवा पंचर बनाएं : शिव डहरिया.
इसके अलावा भी कांग्रेस के नेताओं ने अपनी बद्जुबानियों से लोकतंत्र को जिस तरह शर्मसार किया है, उसका उदाहरण शायद किसी भी सभ्य देश में कोई अन्य देखने को मिले. अभी अगर आपने इन गालियों रूपी आइने में स्वयं को महसूस नहीं किया हो, तो कृपया नीचे कुछ और अपशब्दों पर ध्यान देंगे, जिसे आपके राष्ट्रीय कहे जाने वाले नेताओं ने देकर शर्मसार होने के अवसर दिया है. न केवल शर्मसार होने का अपितु गिरेबान में झांकने का भी, और संभव हो तो भविष्य में थोड़ा संयत व्यवहार करने का भी.
जिन राहुल गांधी के सम्मान की चिंता में आप कल आधी रात को परेशान हो गए, खुद उनके और उनके परिवार समेत अन्य नेताओं के कुछ बयान नीचे देखिये और तय कीजिये कि क्या इसी आधार पर उन्हें सम्मान चाहिए? क्या सम्मान जबरन, छीन कर या डरा कर हासिल की जा सकती हैं? गौर करें कुछ और बयानों पर :-
19. जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती ही है : स्व. राजीव गांधी, कांग्रेस के नेताओं द्वारा हज़ारों सिखों की हत्या और उनके खिलाफ दुष्कर्मों, लूट आदि का सही ठहराते हुए.
20. मोदी ज़हर की खेती करते हैं : कर्नाटक में सोनिया गांधी.
21. मोदी मौत का सौदागर : गुजरात में सोनिया गांधी
22. मोदी गद्दार हैं : कांग्रेस का ट्वीटर कैम्पेन.
23. जहां सरेंडर हुए नरेंदर : चीन से युद्ध की स्थिति में अपने ही सरकार के सरेंडर हो जाने की घोषणा कांग्रेस द्वारा.
24. कायर सावरकर : कांग्रेस का बयान.
25. एक ‘चोर’ अपने नाम के आगे भले ‘चौकीदार’ लिख ले, लेकिन वह चोर ही कहलायेगा : कांग्रेस.
26. चौकीदार चोर है : राहुल गांधी.
27. गद्दारों ने भारत माता को चीर दिया : राहुल गांधी.
28. मोविद पैन्डेमिक : राहुल गांधी.
29. संघ ने गांधी की ह्त्या की : राहुल गांधी. (फिर माफी माँगा कोर्ट में)
30. नरेन्द्र मोदी जवानों के खून की दलाली कर रहे : राहुल गांधी.
31. मोदी नीच किस्म का आदमी : मणिशंकर अय्यर
32. मोदी अस्वस्थ मानसिकता से पीड़ित : आनंद शर्मा
33. मोस्ट स्टुपिड पीएम, मोदी नाकारा बेटा : राशिद अल्वी.
34. मोदी गंगू ते… : गुलाम नबी आज़ाद. (जातिवादी टिप्पणी)
35. मोदी बंदर, रेबीज पीड़ित हैं मोदी : अर्जुन मोडवादिया, कांग्रेस अध्यक्ष गुजरात.
36. भस्मासुर मोदी : जयराम रमेश
37. मोदी यानी मसूद, ओसामा, दाउद और आईएसआई : पवन खेड़ा.
38. वायरस हैं मोदी : रेणुका चौधरी.
39. योगी आदित्यनाथ शैतान और खून पीने वाला दरिंदा : अज़ीज क़ुरैशी, पूर्व राज्यपाल, कांग्रेस नेता.
40. पिंडदान करेंगे आरएसएस का, जो समझना है समझ लो : कांग्रेस का ट्वीट.
41. कुम्भ सुपर स्प्रेडर : कांग्रेस.
42. मेरा भारत महान नहीं, अब बदनाम देश : कमलनाथ
43. भाजपा को हराने में सहयोग दें नक्सली : दिग्विजय सिंह.
44 : अर्णव गू, गू पात्र : अखिलेश प्रताप सिंह.
45. क्रान्ति कर रहे हैं नक्सली : राज बब्बर.
46. कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और अन्य चार पंज प्यारे हैं : सिखों को अपमानित करने वाला बयान देते हुए पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत.
47. अर्णव गोस्वामी पागल कुत्ता, लातों के भूत, बातों से नहीं मानते.
48. चू..यों को भक्त बनाना और भक्तों को पर्मानेंट चू..या बनाना- जय हो. महात्मा भी मोदी को देशभक्ति नहीं सिखा सकते : मनीष तिवारी का ट्वीट.
49. मोदी की दो उपलब्धि, भक्त को चु..या और चू..यों को भक्त बनाना : दिग्विजय सिंह का ट्वीट.
50. मोदी को हटाने में सहयोग करे पाकिस्तान : मणिशंकर अय्यर.
51. मोदी की बोटी-बोटी काट डालेंगे : कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद. (इसे बाद में कांग्रेस ने राष्ट्रीय सचिव बनाया.)
अन्य कांग्रेसियों द्वारा मोदी जी को दी गयी गालियां :- नामर्द, आतंकवादी, हिटलर, तुगलक, नटवरलाल, गाली, अनपढ़-गवांर, नशेरी, पिता-दादा कौन? गद्दाफी, मुसोलिनी, सांप-बिच्छू, ..रवां, लहू पुरुष, ‘जातिवादी गाली’, चूहा, दाउद, बदतमीज़, नालायक, पोल पोट…….
पंकज झा ने लिखा, हम गालियों को इकट्ठा करते गए लेकिन,सुरसा के मूंह की तरह आपकी और आपकी पार्टी द्वारा दी गयी ‘सौगात’ ख़त्म नहीं हुई. भूपेश जी, लोकतंत्र में राजा किसी रानी के पेट से नहीं आता. यही इस तंत्र की खूबसूरती है. देश में सैकड़ों सीएम हुए हैं, अब जिनका नाम भी कोई नहीं जानता. लेकिन बड़ी बात यह होती है कि नियति ने अगर ऐसे महत्वपूर्ण दायित्व पर काम करने का मौका दिया हो, तो अपने व्यवहार से, कथनी और करनी में एकरूपता से अपनी जगह समाज और इतिहास में बनायी जाए. ख़ास कर जैसा अवगुण स्वयं में हो, उसे दूर करने के बदले उन्हीं अवगुणों का आरोप लगा कर समाज, मीडिया और विपक्ष को धमकाते रहना, उनके खिलाफ सत्ता का दुरूपयोग कर कारवाई करते रहना, कभी भी किसी अच्छे नेता का लक्षण नहीं हो सकता. इसी प्रदेश में दशकों से अपने काम के अनुभव, ख़ास कर राजकाज को करीब से देखने के आधार पर आपको एक नागरिक के बतौर यह सलाह तो देने का अधिकार है ही हमें कि कृपया काम कीजिये. खराब जुबान, सस्ती और हल्की राजनीति से कुछ समय के लिए भले सुर्खियां हासिल हो जाए लेकिन इतिहास ऐसी राजनीति को अपने कूड़ेदान में भी जगह नहीं देता है, इसका ध्यान रखेंगे तो अच्छा रहेगा.

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