Advertisement
छत्तीसगढ़बिलासपुर

बिलासपुर : 21 साल बाद हाई कोर्ट से किसानों को राहत, थ्रेशर लाइन जोड़ते समय हुई मौत में किया दोषमुक्त

 

बिलासपुर : थ्रेशर मशीन के लिए बिजली लाइन जोड़ते समय एक व्यक्ति की करंट लगने से हुई मौत के मामले में 21 वर्षों तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद हाई कोर्ट ने चार किसानों को दोषमुक्त करार दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मृतक व्यस्क और संवेदनशील व्यक्ति था, और वह बिजली मिस्त्री नहीं था। उसने खुद से बिजली के खंभे पर चढ़कर लाइन जोड़ने की कोशिश की थी, इसलिए मौत के लिए वह स्वयं जिम्मेदार है।

 

क्या था मामला

मामला मई 2004 का है, जब सीतापुर थाना क्षेत्र के तेलईधार गांव में याचिकाकर्ता शमीम खान व तीन अन्य किसानों ने गेहूं की फसल के लिए थ्रेशर मशीन लगवाई थी। बिजली लाइन जोड़ने के लिए उन्होंने गांव के शाहजहां को बुलाया, जो बिजली के खंभे पर चढ़ा और करंट की चपेट में आकर झुलस गया। इलाज के लिए रायपुर ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई।

पहले मिली थी सजा

घटना के बाद सीतापुर पुलिस ने किसानों के खिलाफ IPC की धारा 304ए (लापरवाही से मृत्यु) के तहत केस दर्ज किया। अंबिकापुर न्यायालय ने किसानों को 6-6 माह की कैद और 400 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। सत्र न्यायालय ने 2010 में इस फैसले को बरकरार रखा।

हाई कोर्ट ने माना मृतक की लापरवाही

इसके बाद किसानों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान गवाह ने स्वीकार किया कि मृतक इलेक्ट्रीशियन नहीं था और उस पर बिजली पोल पर चढ़ने का दबाव नहीं बनाया गया था। हाई कोर्ट ने माना कि मृतक ने अपनी जान-बूझकर की गई लापरवाही से यह जोखिम उठाया, इसलिए इसके लिए किसानों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

कोर्ट ने किया दोषमुक्त

मामले की सभी परिस्थितियों का विश्लेषण करने के बाद हाई कोर्ट ने किसानों को दोषमुक्त कर दिया, जिससे उन्हें 21 साल बाद राहत मिली है।

 

 

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close