रायपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य के 14 जिलों में राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर कोदो-कुटकी की खरीदी की व्यवस्था की जाएगी और जिलों के गौठानों में कोदो के प्रसंस्करण केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे और प्रसंस्कृत कोदो की मार्केटिंग की भी अच्छी व्यवस्था की जाएगी.
कोदो-कुटकी का उत्पादन करने वाले जिलों में बस्तर संभाग के 7 जिले, सरगुजा संभाग के 5 जिले और राजनांदगांव तथा कवर्धा जिले शामिल हैं. मुख्यमंत्री अपने निवास में कांकेर, कोण्डागांव, बस्तर जिले से आए हल्बा और भतरा सहित विभिन्न आदिवासी समाजों के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने उनसे यह आग्रह भी किया कि वे अपनी सामाजिक बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के बारे में चर्चा करें.
आगे मुख्यमन्त्री भूपेश ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि आदिवासियों के जीवन में परिवर्तन आएं, उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के बेहतर से बेहतर अवसर मिलें. बघेल ने कहा कि जीवन स्तर में परिवर्तन लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उनकी आय में वृद्धि के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं.
किसानों की कर्ज माफी, 2500 रूपए में धान खरीदी, लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी और प्रसंस्करण, तेंदूपत्ता संग्रहण दर बढ़ाकर चार हजार रूपए प्रति मानक बोरा करने सहित अनेक योजनाएं प्रारंभ की गई हैं, जिनसे किसानों की आय में वृद्धि हुई. राजीव गांधी किसान ने योजना में नौ हजार रूपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी देने, गोधन न्याय योजना के माध्यम से भी लोगों की आय में वृद्धि का प्रयास किया जा रहा है. राज्य सरकार ने कोदो-कुटकी का समर्थन मूल्य घोषित किया है, इनकी बिक्री की व्यवस्था भी राज्य सरकार द्वारा की जा रही है.
आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान उद्योग मंत्री कवासी लखमा, संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, विधायक चंदन कश्यप और संतराम नेताम सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री के आमंत्रण पर कांकेर, कोंडागांव और बस्तर जिले के भतरा और हल्बा जनजातियों के प्रतिनिधियों के साथ विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री निवास पहुंचे थे। कार्यक्रम को उद्योग मंत्री सहित विधायकों ने भी सम्बोधित किया।