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सदन में सवालों के शस्त्र छोड़ते जोगी को विधानसभा अध्यक्ष ने छेड़ा

मंत्रीजी मेरी रिश्तेदार हैं चमकाने का तो सवाल ही नहीं: जोगी

रायपुर। सदन में सवालों के शस्त्र छोड़ने में निपुण पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी (Former Chief Minister Ajit Jogi) को विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत (Speaker Dr. Charandas Mahant) ने छेड़ा। सदन में डॉ महंत ने समाजकल्याण् म़ंत्री का बचाव करते हुए कहा कि जोगी जी नई नई मंत्री को चमकाना कृपया बंद करें। विस अध्यक्ष के नहले पर अजीत जोगी ने भी ये कहते हुए दहला दे मारा कि मंत्रीजी मेरी रिश्तेदार हैं छोटी हैं इसलिए जोर से बोल दिया। सुनते ही सदन में जोरदार ठहाका लगा।

क्या था पूरा मामला:

प्रश्नकाल में शुक्रवार को दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के नियमितिकरण (Regularization of contract workers) का मुद्दा गूंजा। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने समाज कल्याण विभाग में अनियमित कर्मचारी के नियमितिकरण का मुद्दा उठाया। अजीत जोगी ने कहा कि घोषणा पत्र में इस बात का जिक्र किया गया था कि दैनिक वेतनभोगी, संविदाकर्मियों को नियमित किया जायेगा। लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई निर्देश नहीं आया। सरकार कब तक इनके नियमितिकरण को लेकर क्या किया है।

समाज कल्याण म़ंत्री ने दिया ये जवाब:

जवाब में समाज कल्याण मंत्री अनिला भेड़िया (Social Welfare Minister Anila Bhedia)  ने कहा कि – सरकार के पास ये प्रक्रिया विचाराधीन है। अजीत जोगी ने पूरक सवाल पूछते हुए कहा कि – विचार ही करेंगे या कब तक विचार करती रहेंगी।
समाज कल्याण मंत्री ने बताया कि – ये सिर्फ उनके विभाग का मसला नहीं है, सभी विभागों का है, इसलिए समय सीमा बता पाना संभव नहीं है।
अजीत जोगी ने कहा कि – आपने घोषणा पत्र बनाने वक्त विचार तो किया होगा, लेकिन अब समय सीमा नहीं बता रही है।

स्पीकर डॉ महंत ने किया बचाव:

अजीत जोगी के सवालों को देख विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्री अनिला का बचाव करते हुए कहा कि ….“जिन्होंने जनघोषणा पत्र (Manifesto) बनाया था, वो भी सदन में नहीं है । और जिन्हे आखिरी निर्णय लेना है, वो भी सदन में नहीं है।

विस अध्यक्ष के नहले पर अजीत जोगी का दहला :

जोगी जी आप खुद मुख्यमंत्री रहे हैं, इसलिए आपको पता है कि ऐसे निर्णय कौन लेता है ? वो बेचारी नयी-नयी मंत्री बनी है और आप कृपया करके उन्हे चमकाना बंद करें”।
विधानसभा अध्यक्ष की बातों पर जोगी ने मुस्कुराते हुए कहा कि…
“मंत्रीजी मेरी रिश्तेदार भी हैं, इसलिए चमकाने का तो सवाल ही नहीं उठता, मैं उनसे पूछ रहा हूं और वो मेरे से छोटी है, इसलिए थोड़ा जोर से बोल सकता हूं”। जोगीजी का इतना बोलना था कि सदन में जोर का ठहाका लगा।

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