
रायपुर। अमित जोगी ने अपने ट्विटर हैंडल से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर बड़ा आरोप लगाया है। अमित जोगी ने अपने ट्विट में लिखा कि ‘‘माननीय मुख्यमंत्री जी आप तो श्री नरेंद्र मोदी से भी बड़े फेंकू निकले। मोदी जी का झूठ समझने में थोड़ा टाइम लगता है पर छत्तीसगढ़ के मोदी का झूट तो तत्काल पकड़ में आ गया। अभी सीएम बने आपको 3 महीने भी नहीं हुए और आप लंदन में ब्रिटिश संसद में आदिवासियों की ज़मीन वापसी और नरवा, गरवा, घुरवा अउ बाड़ी पर बोलने का न्यौता मिलने का ढिंढोरा पीठ रहे हैं।
आपको जानकारी दे दूँ कि ब्रिटिश संसद को सम्बोधित करने का निमंत्रण हाउस ऑफ़ कॉमंस़ और हाउस ऑफ़ लॉर्ड्ज़ के अध्यक्षों और वेस्ट्मिन्स्टर के ग्रेट चेम्बर्लन द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाता है। आजतक ऐसा निमंत्रण क़रीब 61 महानुभावों को दिया गया है (तिथि एवं नाम की सूची सलग्न)। ब्रिटिश संसद और ब्रिटिश सरकार उच्चायुक्त कार्यालयों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा कोई भी न्यौता आपको नहीं भेजा गया है।
वैसे भी मुझे हाल ही में मालूम हुआ है कि जिस दिन आपकी कैबिनेट ने टाटा भुविस्थापितों की ज़मीन लौटाने का निर्णय लिया, उसी हफ़्ते आपकी सरकार ने चुपचाप कोरबा-रायगढ़ क्षेत्र के हसदेव-अरण्य जंगलों में 30 कोयला खदानों की बिना जनसुनवाई नीलामी करने की स्वीकृति देकर वहाँ बसे हज़ारों लोगों की बर्बादी का फ़तवा जारी कर दिया था। अगर नीलामी से प्राप्त हज़ारों करोड़ की भारी-भरकम राशि का निवेश करने या गरमी की छुट्टी मनाने आपको लंदन जाना ही है, तो विदेश यात्रा का कोई और बहाना ढूँढ लेते।
इतना सफ़ेद झूट बोलना अब आपको शोभा नहीं देता। अगर ऐसा कोई फ़र्ज़ी न्यौता भारत को सदियों तक ग़ुलाम रखने और आपस में लड़ाने वाले देश की संसद से वास्तव में आपको मिला है तो उसे तत्काल सार्वजनिक करने की कृपा करें। बिन बुलाए मेहमान की तरह अगर आप ब्रिटिश संसद को सम्बोधित करने पहुँच जाते हैं तो इससे न केवल आपका बल्कि ढाई करोड़ छत्तीसगढ़ियों का भी अपमान होता। लोक सभा चुनाव में जनता का वोट पाने उनसे सफ़ेद झूट बोलने के लिए आपको सार्वजनिक माफ़ी माँगनी चाहिए। जय छत्तीसगढ़! ’’
