सूरजपुर। कलेक्टर इफ्फत आरा के निर्देश पर पूरे जिले में बाल विवाह रोकने को संयुक्त टीम सक्रिय है। अक्षय तृतीया को विवाह को विशेष तिथि माना जाता है। इस अवसर का लाभ उठा कर बाल विवाह कराने वालों पर प्रशासन की पैनी नजर बनी हुई है।
जिले में अक्षय तृतीया के मौंके पर होने वाले बाल विवाह की सूचना पर संयुक्त टीम ने तीन दिनों में 10 बाल विवाह रोके है। जिसमें 6 लड़की एवं 4 लड़को का विवाह होना था। रोके गये बाल विवाह में 5 बाल विवाह जमदई, 2 बाल विवाह कन्दरई विकास खण्ड 1 बाल विवाह, ग्राम पिउरी विकास खण्ड रामानुजनगर और कटिंदा एवं बुंदिया विकास खण्ड भैयाथान में एक बाल विवाह रोका गया। इन बाल विवाह में दो लड़कियों का विवाह मात्र 14 वर्ष दो बालिकाओं का 15 और 15 वर्ष 6 माह की उम्र में दो लड़कीयों का साढे 17 वर्ष की आयु में और लड़को की आयु 18 वर्ष से लेकर 20 वर्ष की आयु में करते हुए पाया गया।
सभी स्थानों पर इस आशय का पंचनामा तैयार कर बाल विवाह को रोका गया और विवाह की उम्र हो जाने पर किया जायेगा। बालिका, बालक का कथन, माता-पिता का कथन एवं शपथ पत्र लिया गया। दो स्थानों पर टीम को धोखे में डालने के लिए उसके आधार कार्ड में कुट रचना कर तिथि को बदल कर आधार को प्रस्तुत किया गया। शक होने पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने जांच कराने और अपराध पंजीबद्ध करने की बात करने पर पता चला कि आधार कार्ड के जन्म तिथि में कुट रचना कर वर्ष को बदल गया है। बाद में समझाइश पर विवाह नहीं करने को सभी मान गये।