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कोरोना संकट बीच भूपेश सरकार का बड़ा फैसला, प्रदेश में अब 16 बड़े उद्योग सरकार की निगरानी में रहेंगे

रायपुर। कोरोना संकट के बीच भूपेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश की 16 उद्योगों सीमेंट, इस्पात, बिजली आदि को छत्तीसगढ़ औद्योगिक संबंध अधिनियम यानी आईआरटी एक्ट के दायरे में वापस ले लिया गया है। यानी अब ये उद्योग प्रदेश सरकार की निगरानी में रहेंगे। इसका नोटिफिकेशन भी श्रम विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने जारी कर दिया है। अब इन उद्योगों में यह अधिनियम लागू होने से श्रम विभाग सीधे दखल दे सका। इसके साथ ही अब कर्मचारी यूनियन इन उद्योगों के प्रबंधन में बतौर प्रतिनिधि अपना पदाधिकारी भेज सकेंगे। इन 16 उद्योगों में 927 कारखाने हैं। इनमें 21 लाख 5349 कर्मचारी शामिल हैं।

अब इन इंडस्ट्रीज में कहीं विवाद, मुकदमे या अशांति की स्थिति होने पर श्रम विभाग सीधे दखल दे सकेगा। मालूम हो कि उद्योगों में दो तरह के अधिनियम लागू होते हैं। इनमें एक केंद्रीय औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 और दूसरा छत्तीसगढ़ औद्योगिक संबंध अधिनियम 1960 यानी आईआरटी एक्ट। इस एक्ट में यह प्रावधान है कि सूची में शामिल 16 में से जिन उद्योगों में 100 या इससे अधिक कर्मचारी होंगे वहां इस एक्ट को लागू किया जा सकेगा।

इसके अलावा जिस किसी कर्मचारी या श्रमिक संगठन का संबंधित उद्योग में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या का 25 प्रतिशत या उससे अधिक मेंबरशिप है तो वह प्रबंधन में अपना प्रतिनिधि नियुक्त करवा सकेगा। रमन सरकार ने 1 अक्टूबर 2012 में आईआरटी एक्ट से प्रदेश की 16 प्रमुख इंडस्ट्रीज को बाहर कर दिया था।

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