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क्रेडा द्वारा ऊर्जा संरक्षण भवन कोड (सीजीईसीबीसी) के सफल क्रियान्वयन हेतु स्टेकहोल्डर्स की बैठक

ऊर्जा संरक्षण भवन कोड के उपयोग से निर्मित भवनों में ऊर्जा की आवश्यकता 25-30% तक कम।

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) ने बुधवार 24 जनवरी 2024 को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) भारत सरकार की सहायता से छत्तीसगढ़ ऊर्जा संरक्षण भवन कोड (सीजीईसीबीसी) के कार्यान्वयन के लिए स्टेकहोल्डर्स की बैठक आयोजित की।

क्रेडा द्वारा ऊर्जा संरक्षण भवन कोड (सीजीईसीबीसी) के सफल क्रियान्वयन हेतु स्टेकहोल्डर्स की बैठक

सीजीईसीबीसी को 17 मार्च 2023 को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया था। सीजीईसीबीसी एक तकनीकी कोड है जो विभिन्न भवन डिजाइन और सिस्टम दक्षता मापदंडों के अनुपालन के माध्यम से कुल निर्मित क्षेत्र 1000 वर्गमीटर से अधिक या 50 किलोवाट और उससे अधिक के कनेक्टेड लोड या 60 के-वी.ए- और उससे अधिक की अनुबंध भार के साथ वाणिज्यिक भवनों में ऊर्जा दक्षता प्राप्त करने के लिए न्यूनतम आवश्यकताओं को निर्दिष्ट करता है।

कार्यक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री राजेश सिंह राणा (आईएएस) ने बताया कि नई इमारतों के लिए ऊर्जा कोड भवन निर्माण क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता लाने के लिए एक महत्वपूर्ण नियामक उपाय है। कोड के कार्यान्वयन से ऊर्जा की मांग लगभग 25-30% तक कम हो जाएगी। सीजीईसीबीसी नियमों की अधिसूचना प्रक्रियाधीन है। सीजीईसीबीसी के कार्यान्वयन से नए वाणिज्यिक भवनों के माध्यम से प्रति वर्ष कम से कम 3 करोड़ यूनिट बिजली की बचत होगी जो इसके अंतर्गत आएंगी। श्री राणा ने यह भी बताया कि स्टेकहोल्डर्स के समर्थन से बिल्डिंग By-Laws, बिल्डिंग अनुमति प्रक्रिया में सीजीईसीबीसी को शामिल किया जाना है तथा सीजीपीडब्ल्यूडी एसओआर में ऊर्जा दक्ष सामग्री के विनिर्देशों को शामिल करना आगामी कार्य हैं।
कार्यक्रम में श्री मनोज खरे, प्रबंध संचालक] सीएसपीडीसीएल उपस्थित थे। उन्होंने कहा चूंकि अधिकांश थर्मल पावर प्लांट कोयला आधारित हैं और राज्य में उत्पादित बिजली कई अन्य राज्यों को निर्यात की जाती है, इसलिए औद्योगिक क्षेत्र के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन का भार पहले से ही अधिक है। छत्तीसगढ़ के भवन निर्माण क्षेत्र और बुनियादी ढांचे के विकास से इन उत्सर्जन में बढ़ोतरी हो रही है। हमारे पर्यावरण को बचाने के लिए, उद्योगों भवनों, परिवहन, डिस्कॉम और नगर पालिकाओं जैसे विभिन्न क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता पहल लागू की जानी चाहिए। प्रत्येक क्षेत्र की संचयी बचत ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में पर्याप्त बचत हासिल करने में सक्षम होगी।

डिजाइन2ऑक्यूपेंसी सर्विसेज] जयपुर के सस्टेनेबिलिटी कंसल्टेंट और बिल्डिंग एनर्जी विशेषज्ञ श्री मोहित त्रिपाठी ने राज्य में सीजीईसीबीसी के कार्यान्वयन के लिए सभी हितधारकों से एकीकृत दृष्टिकोण के लिए आगे बढ़ने के तरीके पर एक तकनीकी प्रस्तुति दी।

बैठक में शहरी प्रशासन और विकास विभाग (यूएडीडी), टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग (टी एंड सीपी), नया रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण (एनआरएएनवीपी), मुख्य विद्युत निरीक्षणालय (सीईआई), छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सीजीपीडब्ल्यूडी जैसे स्टेकहोल्डर्स विभागों के प्रतिनिधि), छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (सीएसपीडीसीएल), श्री जगत नारायण बैगा, कार्यपालन अभियंता क्रेडा, श्री कुशल तिवारी] परियोजना समन्वयक, क्रेडा, आर्किटेक्ट नीना रायचा, वरिष्ठ सलाहकार एवं इंजीनियर, प्रीति गुप्ता, वरिष्ठ सलाहकार अभियंता, ऊर्जा दक्षता भवन कक्ष, क्रेडा, उपस्थित थे।

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