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सूरजपुर में भालुओं के हमले में 2 लोगों की मौत, 2 घायल

मवेशी चराने गए थे जंगल, भालुओं ने अचानक कर दिया हमला

सरगुजा। सूरजपुर जिले के ओड़गी वन परिक्षेत्र के धरसेड़ी गांव में रविवार को सुबह जंगली भालुओं के हमले (bear attacks) में 2 लोगों की मौत हो गई और 2 अन्य बुरी तरह घायल हो गए है।ये सभी लोग मवेशी चराने (cattle grazing) के लिए जंगल (forest) में गए थे। जहां भालुओं ने इन सभी पर हमला कर दिया। मृतकों में एक कक्षा 9वीं का छात्र बताया जा रहा है। घायलों को इलाज के लिए सूरजपुर जिला अस्पताल (hospital) भेज दिया गया है। मौके पर सूरजपुर की वन विभाग (Forest Department) की टीम मौजूद है।

मवेशी चराने गए थे जंगल:

धरसेड़ी गांव के ये चारों लोग जंगल में मवेशी चराने गए थे। रविवार की छुट्टी होने के कारण 9वीं का छ़ात्र भी इनके साथ गया हुआ था। अचानक इन चरवाहों पर भालुओं के एक झुण्ड ने हमला कर दिया। इससे वहां अफरा तफरी मच गई। भालुओं के हमले में 9वीं के छात्र और एक व्यक्ति की मौत हो गई। जब कि 2 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी। मौके पर पहुंची वन विभाग के अधिकारियों की टीम ने घायलों को सूरजपुर जिला अस्पताल भिजवाया। इसके अलावा मामले की जांच की जा रही है। ये भालू अचानक इतने हमलावर क्यों हुए वन विभाग की टीम इस बात की भी पड़ताल कर रही है।

आखिर कहां गई जामवंत योजना:

पूर्व की भाजपा सरकार के कार्यकाल में जंगली भालुओं के लिए जमवंत योजना बनाई गई थी। जो इस वक्त ठंडे बस्ते में आराम फरमा रही है। जंगली भालू लगातार खाने पीने की चीजों की कमी के चलते हिंसक हो रहे हैं। इस योजना में जंगली भालुओं को जंगलों में फलदार वृक्ष लगाने और वहां पेयजल के श्रोत बनाने पर जोर दिया गया था। वन विभाग के लोगों का कहना था कि अगर भालुओं को खाने के लिए अच्छे फल और पीने के लिए पानी जंगल में ही मिल जाएगा तो वे गांवों की ओर रुख नहीं करेंगे। मगर अफसोस कि जामवंत योजना का शुरू होने के पहले ही अंत हो गया।

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