
बलरामपुर : DAV स्कूल की लापरवाही से एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। स्कूल की एक बस का ड्राइवर शराब के नशे में धुत होकर दर्जनों बच्चों को लेकर स्कूल जा रहा था। ड्राइवर की संदिग्ध गतिविधियों को देखकर सतर्क अभिभावकों ने उसे रोका, और जब जांच की गई तो उसके नशे में होने की पुष्टि हुई।
ड्राइवर की हरकतों से शक हुआ
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस ड्राइवर की चाल और व्यवहार अजीब लग रहा था। बच्चों के साथ बद्तमीजी भी कर रहा था। इसके बाद कुछ अभिभावकों ने बस रुकवाई और ड्राइवर को नीचे उतारा। मौके पर मौजूद लोगों ने तत्काल उसे शंकरगढ़ थाना ले जाकर पुलिस के हवाले कर दिया।
पुलिस ने हिरासत में लिया, जांच शुरू
पुलिस ने ड्राइवर को हिरासत में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में शराब के नशे की पुष्टि हुई है और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
स्कूल प्रबंधन पर उठे सवाल
इस घटना के बाद DAV स्कूल प्रबंधन की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। आखिर एक नशेड़ी ड्राइवर को बच्चों की जिम्मेदारी कैसे सौंपी गई? क्या स्कूल प्रबंधन ने ड्राइवर की जांच नहीं की? क्या बच्चों की सुरक्षा सिर्फ कागजों तक सीमित है?
अभिभावकों की सख्त मांग
घटना से आक्रोशित अभिभावकों ने दोषी ड्राइवर के साथ-साथ स्कूल प्रबंधन पर भी सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते ड्राइवर को नहीं रोका जाता, तो यह मामला जानलेवा हो सकता था। साथ ही शिक्षा विभाग से स्कूल बसों की नियमित जांच और ड्राइवरों की मेडिकल जांच अनिवार्य करने की मांग की गई है।
यह घटना एक बार फिर बताती है कि स्कूलों को बच्चों की सुरक्षा को लेकर सिर्फ दिखावटी नहीं, बल्कि ठोस और सख्त उपाय करने होंगे, वरना एक दिन लापरवाही किसी बड़ी त्रासदी में बदल सकती है।