लाइफ स्टाइल

World Mental Health Day : कब हुई विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की शुरुवात, जानें क्या है डिप्रेशन के 10 संकेत

हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जागरूक करना और मानसिक बीमारियों के बारे में जानकारी प्रदान करना है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेशनल लेवल पर आठ में एक शख्स मेंटल डिसऑर्डर का शिकार है।

मानसिक स्वास्थ्य की सही देखभाल व्यक्ति को खुश और समृद्ध जीवन जीने में मदद करती है। स्ट्रेस या तनाव एक प्रकार का मानसिक स्वास्थ्य विकार है जिसका जोखिम तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। सभी लोगों के लिए अपने शारीरिक स्वास्थ्य की ही तरह से मानसिक सेहत का ख्याल रखना भी जरूरी है। दोनों स्वास्थ्य एक दूसरे पर निर्भर होते हैं, यानी अगर आप स्ट्रेस-एग्जाइटी जैसी मानसिक समस्याओं के शिकार हैं, तो इसका असर शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करने वाले हो सकते हैं।

कब मनाते हैं विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस?

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस प्रतिवर्ष 10 अक्तूबर को मनाया जाता है। साल 1992 में इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई, जब संयुक्त राष्ट्र के उप महासचिव रिचर्ड हंटर और वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ ने इसकी पहल की। गौरतलब है कि वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ 150 से अधिक सदस्य देशों वाला एक वैश्विक मानसिक स्वास्थ्य संगठन है। बाद में 1994 में संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन महासचिव यूजीन ब्रॉडी ने मानसिक स्वास्थ्य दिवस की एक थीम का निर्धारण कर यह दिवस मनाने की सलाह दी। उसी वर्ष पहली बार “दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार” थीम के साथ विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया।

डिप्रेशन के शुरुआती संकेत-

लगातार दुखी और अकेलेपन की भावना– डिप्रेशन की वजह से कई बार व्यक्ति हफ्तों या महीनों तक काफी दुखी और अकेलापन महसूस करने लगता है।

किसी काम में रुचि ना होना– डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति को किसी भी काम या एक्टिविटी को करने में ना तो कोई मजा आता है और ना ही कोई रुचि होती है।

भूख और वजन में बदलाव– डिप्रेशन के कारण व्यक्ति की भूख में बदलाव देखने को मिलता है। इसके कारण व्यक्ति का एकदम से वजन कम होना या बढ़ना शुरू हो जाता है।

नींद में खलल– डिप्रेशन में नींद की समस्या काफी आम है। इस समस्या के कारण लोगों को कई बार या तो बिल्कुल भी नींद नहीं आती या फिर जरूरत से ज्यादा नींद आती है।

थकान और एनर्जी कम महसूस होना– पूरी रात की नींद के बाद भी लगातार थकान, ऊर्जा की कमी महसूस करना डिप्रेशन का एक खास लक्षण है।

ध्यान लगाने में दिक्कत– डिप्रेशन व्यक्ति की ध्यान केंद्रित करने, निर्णय लेने और चीजें याद रखने की क्षमता को खराब कर सकता है, जिससे उनके काम पर असर पड़ सकता है।

अपराधबोध या निराशा की भावनाएं- डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति अक्सर नकारात्मक विचारों, अपराधबोध या बेकार की फीलिंग्स और भविष्य के बारे में निराशा की भावना का अनुभव करते हैं।

जरूरत से ज्यादा गुस्सा– डिप्रेशन के कारण लोगों में चिड़चिड़ापन और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना नजर आ सकता है।

सामाजिक मेलजोल कम होना– डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति खुद को दोस्तों, रिश्तेदारों और सोशल एक्टिविटीज से पूरी तरह से दूर कर लेते हैं।

मौत और आत्महत्या के विचार– डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को अक्सर लगातार मौत और आत्महत्या के ख्याल आते हैं। इस तरह के ख्याल आना डिप्रेशन की सबसे खतरनाक स्थिति होती है।

Tags

Editorjee News

I am admin of Editorjee.com website. It is Hindi news website. It covers all news from India and World. I updates news from Politics analysis, crime reports, sports updates, entertainment gossip, exclusive pictures and articles, live business information and Chhattisgarh state news. I am giving regularly Raipur and Chhattisgarh News.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close