
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के सिलसिला गांव में रविवार दोपहर दर्दनाक हादसे में दो बच्चों की डबरी (पानी से भरे गड्ढे) में डूबने से मौत हो गई। हादसे के बाद परिजन जब शवों को रघुनाथपुर हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, तो वहां पोस्टमॉर्टम के लिए 10-10 हजार रुपये मांगने का गंभीर आरोप लगाया गया।
हादसे की पूरी कहानी
रविवार को 5 वर्षीय सूरज गिरी (पिता विनोद गिरी) और 5 वर्षीय जुगनू गिरी (पिता शिवा गिरी) ट्यूबवेल के पास खेल रहे थे। खेलते-खेलते वे ट्यूबवेल के सोख्ता गड्ढे में गिर गए और डूब गए। करीब दो घंटे बाद परिजन उन्हें खोजते हुए पहुंचे, लेकिन तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी।
एंबुलेंस नहीं पहुंची, बाइक से शव लेकर पहुंचे परिजन
परिजनों ने बताया कि उन्होंने 108 एंबुलेंस सेवा को 6-7 बार कॉल किया, लेकिन मदद नहीं मिली। मजबूरन वे बच्चों के शवों को बाइक पर लेकर हॉस्पिटल पहुंचे, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
पोस्टमॉर्टम के लिए पैसे मांगने का आरोप
परिजनों ने आरोप लगाया कि हॉस्पिटल में डॉ. अमन जायसवाल ने पोस्टमॉर्टम के लिए 10-10 हजार रुपये मांगे और कहा कि “अगर कल लाते तो पैसे नहीं लगते।” इस आरोप के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधि और लुण्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज को सूचना दी गई।
विधायक की जानकारी के बाद लुण्ड्रा बीएमओ डॉ. राघवेंद्र चौबे मौके पर पहुंचे और दोनों बच्चों का पोस्टमॉर्टम कराया गया।
बीएमओ ने आरोपों को नकारा
बीएमओ डॉ. चौबे ने पैसे मांगने के आरोपों को गलत बताया। उनका कहना है कि परिजन जल्दबाजी में थे और पहले पोस्टमॉर्टम नहीं कराना चाहते थे। उन्होंने खुद ही शव को ले जाने की बात कही थी।
जनप्रतिनिधियों ने की हस्तक्षेप
घटना के बाद गांव के सरपंच और पटवारी ने परिजनों को समझाइश दी, तब वे फिर से शव लेकर हॉस्पिटल पहुंचे, जहां पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया पूरी की गई।
यह घटना स्वास्थ्य व्यवस्था पर कई सवाल खड़े करती है—जहां एक ओर मासूमों की जान गई, वहीं दूसरी ओर परिजनों को शव वाहन तक नहीं मिला और अस्पताल में पैसे मांगने के आरोप ने प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है।