
धमतरी : छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के रुद्री थाना क्षेत्र में बाल संरक्षण इकाई ने समय पर कार्रवाई करते हुए एक नाबालिग लड़की की शादी रुकवा दी। मामला दो सगी बहनों की शादी से जुड़ा है, जिनमें से एक नाबालिग थी। परिजन बड़ी बहन की उम्र दिखाकर दोनों की शादी एक साथ कराने की तैयारी में थे।
शादी 14 जून को तय थी, लेकिन 13 जून को बाल संरक्षण टीम को सूचना मिलते ही वे मौके पर पहुंच गए। शुरूआत में परिजन टीम को गुमराह करते रहे और केवल बड़ी बहन की शादी का हवाला देते रहे, लेकिन जांच में सच्चाई सामने आ गई।
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टीम ने बनाया पंचनामा, दी कानूनी समझाइश
जांच में पाया गया कि बड़ी बहन बालिग है जबकि छोटी बहन नाबालिग है। टीम ने सरपंच और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मौजूदगी में पंचनामा बनवाया।
जिला बाल संरक्षण इकाई की समन्वयक नीलम साहू ने परिजनों को समझाते हुए बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत यह अपराध है, जिसमें दोषियों को 2 साल की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
दूल्हे के परिवार को भी दी चेतावनी
टीम ने दूल्हे के परिवार को भी चेताया और समझाया कि बाल विवाह में शामिल होना कानूनन अपराध है। कार्रवाई के बाद परिजनों ने नाबालिग की शादी टालने की सहमति दी।
इस सफल कार्रवाई से एक नाबालिग लड़की को समय रहते विवाह बंधन में बंधने से बचा लिया गया, जो बालिकाओं के अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक सराहनीय पहल है।