
रायपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने लोकप्रिय कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 122वीं कड़ी में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले की सराहना की, जहां शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे तेज़ बदलावों ने सभी का ध्यान खींचा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस दंतेवाड़ा में कभी माओवाद चरम पर था, वहां आज शिक्षा का परचम लहरा रहा है। उन्होंने 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणामों का जिक्र करते हुए कहा कि दंतेवाड़ा जिले में 95 प्रतिशत से अधिक परिणाम दर्ज हुए हैं — 10वीं में यह जिला टॉप पर रहा, जबकि 12वीं में छठे स्थान पर।
प्रधानमंत्री की इस तारीफ पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रतिक्रिया देते हुए आभार व्यक्त किया और कहा कि यह छत्तीसगढ़ के लिए गौरव की बात है कि बस्तर जैसे क्षेत्र को अब शिक्षा और विकास के लिए जाना जा रहा है।
सियासत हुई गरम
प्रधानमंत्री की इस प्रशंसा के बाद प्रदेश में सियासी बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने कहा कि बस्तर में नक्सलियों की संख्या में कमी और शिक्षा का प्रसार कांग्रेस शासन के दौरान हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान भाजपा सरकार सिर्फ हमारी सरकार के कामों का श्रेय ले रही है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार तेंदूपत्ता नहीं खरीद पा रही है और मनरेगा जैसे योजनाएं भी पटरी से उतरी हुई हैं, जिससे आदिवासी समुदाय आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
भाजपा का पलटवार
पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने भूपेश बघेल के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश के सामने छत्तीसगढ़ की उपलब्धियों की तारीफ की है, यह हर छत्तीसगढ़वासी के लिए गर्व की बात है। भूपेश बघेल अब तक यह नहीं पचा पा रहे हैं कि वह मुख्यमंत्री नहीं हैं। डेढ़ साल बीत गए, लेकिन वह अब भी उस कुर्सी को याद कर रहे हैं।” उन्होंने कांग्रेस शासनकाल को “बदहाली और करप्शन” का दौर बताया और कहा कि अब राज्य को पटरी पर लाने का काम शुरू हो चुका है।
आमजन की उम्मीद: राजनीति से हटकर विकास
हालांकि, राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, लेकिन आमजन का मानना है कि चाहे काम किस सरकार के कार्यकाल में शुरू हुआ हो, अगर आज उसका परिणाम दिख रहा है और उसकी सराहना केंद्र सरकार कर रही है, तो यह पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है।
लोगों को उम्मीद है कि प्रदेश में विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाती रहेगी और छत्तीसगढ़ को एक विकसित राज्य बनाने के प्रयास निरंतर जारी रहेंगे।