
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण से मुकाबले के लिए भारत में वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज कर दी गई है। टीकों की बढ़ती मांग को देखते हुए देश में आपातकालीन उपयोग के लिए अब तक 6 वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है। सात अगस्त को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने अमेरिका की जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी थी। सूत्रों से प्राप्त हो रही जानकारियों के मुताबिक अक्तूबर तक यह वैक्सीन उपयोग के लिए उपलब्ध हो जाएगी। इससे पहले देश में आपातकालीन उपयोग के लिए तीन स्वदेशी वैक्सीन कोवाक्सिन, कोविशील्ड और जाइकोब-डी के साथ रूस की स्पूतनिक-वी तथा अमेरिका की माडर्ना को मंजूरी मिल चुकी है।
जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन सिंगल शॉट की वैक्सीन है, यानी कि इसमें लोगों को अन्य वैक्सीनों की तरह दो नहीं बस एक डोज की ही आवश्यकता होगी। कंपनी की ओर से दावा किया जा रहा है कि यह वैक्सीन कोरोना के डेल्टा जैसे गंभीर संक्रामक वैरिएंट से भी सुरक्षा दे सकती है। जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी का दावा है कि यह वैक्सीन दुनियाभर के लिए गंभीर चिंता का कारण बने कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी साबित हो सकती है।
अपनी प्रभाविकता के साथ जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन साइड-इफेक्ट्स को लेकर भी चर्चा में रह चुकी है। इस वैक्सीन को ले चुके की लोगों में गंभीर न्यूरोलॉजिकल जटिलताओं के मामले सामने आ चुके हैं। इसे बारे में आगाह करते हुए फ़ूड एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने बताया कि कुछ अध्ययनों में वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स के रूप में लोगों में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम की समस्या देखने को मिली है। यह गंभीर और दुर्लभ समस्या लोगों में लकवा का कारण बन सकती है। हालांकि इसके खतरे को जानने के लिए वैज्ञानिक तमाम स्तरों पर अध्ययन कर रहे हैं।