
बिलासपुर : सकरी और सरकंडा थाना क्षेत्र में पुलिस ने गांजा तस्करी के दो अलग-अलग मामलों का खुलासा किया है। एक मामले में 70 वर्षीय बुजुर्ग साधु के वेश में गांजा बेचने वाले आरोपी को महिला सहयोगी के साथ गिरफ्तार किया गया है। वहीं दूसरे मामले में थोक गांजा सप्लाई करने वाले आरोपी सहित दो अन्य को भी पकड़ा गया है।
साधु बनकर गांजा बेचता था बुजुर्ग, महिला सहयोगी के साथ गिरफ्तार
टीआई प्रदीप आर्य को सूचना मिली थी कि कबीरधाम जिले के कुंडा से आकर एक बुजुर्ग साधु के वेश में गांजा बेचने का अवैध काम कर रहा है। जानकारी के आधार पर चोरभट्ठी क्षेत्र में छानबीन की गई, जहां ईश्वर बरेठ (70) नामक व्यक्ति बाबा बनकर रह रहा था। वह गांव की महिला कांति पांडेय (46) के साथ मिलकर गांजा बेचता था।
पुलिस ने जब उनके ठिकाने पर दबिश दी तो घर में कुछ नहीं मिला, लेकिन बाड़ी (बगीचे) की तलाशी लेने पर नीले ड्रम में छिपाकर रखा गया 1.100 किलोग्राम गांजा बरामद हुआ, जिसकी बाजार कीमत करीब 17,700 रुपये आंकी गई है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।
थोक सप्लायर सहित दो अन्य आरोपी भी गिरफ्तार
दूसरे मामले में सरकंडा और एसीसीयू की टीम ने 25 मई को मोपका क्षेत्र में दबिश दी थी, जहां जीतन बाई वर्मा और महेंद्र उर्फ बंडिया को गांजा बेचते हुए पकड़ा गया। दोनों आरोपी घर की सीढ़ी के नीचे गांजा छिपाकर छोटी पुड़ियों में बेचते थे। तलाशी के दौरान पुलिस ने 1.960 किलोग्राम गांजा बरामद किया।
पूछताछ में दोनों ने कबूल किया कि वे गांजा ग्राम मटियारी के निवासी कृष्ण उर्फ हल्की शिकारी पवार से खरीदते हैं। पुलिस ने सप्लायर की पहचान और तस्दीक के बाद उसे उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। सप्लायर के खिलाफ भी एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।
पुलिस की सतर्कता से खुला गांजा तस्करी का नेटवर्क
इन कार्रवाइयों के जरिये पुलिस ने गांजा तस्करी के एक नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए साधु के वेश में छिपे अपराधी से लेकर सप्लायर तक को गिरफ़्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि गांजा बेचने वालों के खिलाफ यह ‘एंड टू एंड’ कार्रवाई थी और आगे भी ऐसी गतिविधियों पर सख्ती जारी रहेगी।