नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड या कोवैक्सीन टीका लगवाने के बावजूद कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट का संक्रमण हो सकता है। यह जानकारी नई दिल्ली एम्स और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के अलग-अलग अध्ययन से मिली है। एम्स के अध्ययन मंे पाया गया है कि डेल्टा वैरिएंट ब्रिटेन में पाए गए अल्फा वैरिएंट की तुलना में 40-50 फीसदी ज्यादा संक्रामक है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर के घातक होने के पीछे इसी वैरिएंट को कारण माना जा रहा है।
एम्स-आईजीआईबी (इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बाॅयोलॉजी) का अध्ययन 63 लोगों पर किया गया, जो टीका लगवाने के बाद संक्रमित हुए थे और िजनका पांच से सात दिन तक तेज बुखार का इलाज किया गया था। इनमें में 53 को कोवैक्सीन की एक खुराक और बाकी को कोविशील्ड की एक खुराक दी गई थी। इनमें से छत्तीस को टीकों की दोनों खुराकें दी गई थीं। जिन्हें टीके की एक खुराक मिली थी, उनमें डेल्टा वैरिएंट का संक्रमण दर 76.9फीसदी दर्ज किया गया। जिन्हें दोनों खुराक मिली थी, उनमें संक्रमण दर 60 फीसदी पाया गया। अध्ययन में यह भी पाया गया कि कोविशील्ड टीका लगाने वालों को डेल्टा वैरिएंट ज्यादा 70.3 फीसदी प्रभावित करता है।