
रायपुर : छत्तीसगढ़ में आगामी 16 जून 2025 से नया शिक्षा सत्र प्रारंभ हो रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखकर “शाला प्रवेश उत्सव” में सक्रिय भागीदारी की अपील की है। उन्होंने इसे शत-प्रतिशत नामांकन और साक्षर प्रदेश की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ को पूरी तरह साक्षर बनाना चुनौतीपूर्ण जरूर है, लेकिन असंभव नहीं। इसके लिए उन्होंने समाज के हर वर्ग से सक्रिय योगदान देने की अपील की है। उनका कहना है कि कोई भी बच्चा विद्यालय से वंचित न रहे, यह सुनिश्चित करना सबसे पहला लक्ष्य है।
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शिक्षा में गुणवत्ता सुधार की पहल
मुख्यमंत्री साय ने घोषणा की कि सरकार द्वारा “मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” शुरू किया जा रहा है, जिसके तहत शासकीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के ठोस प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि शिक्षकों की नियुक्ति और युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के माध्यम से एकल शिक्षक स्कूलों को प्राथमिकता दी जा रही है।
बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार की शीर्ष प्राथमिकता स्कूल शिक्षा क्षेत्र की अधोसंरचना और मूलभूत सुविधाओं के विकास को दी गई है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि वे “शाला प्रवेश उत्सव” के दौरान अपने क्षेत्र में व्यक्तिगत रूप से शामिल हों और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बच्चा विद्यालय से बाहर न रहे।
“हमने बनाया है, हम ही संवारेंगे” की परिकल्पना
मुख्यमंत्री ने कहा कि “हमने बनाया है, हम ही संवारेंगे” की परिकल्पना को साकार करने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे इस अभियान का नेतृत्व करें और शिक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ के निर्माण में योगदान दें।
शिक्षा को जनांदोलन बनाने की तैयारी
मुख्यमंत्री के इस पत्र को राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में एक जनांदोलन की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। इससे न केवल स्कूलों में नामांकन बढ़ेगा, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता, सामाजिक सहभागिता और आर्थिक सशक्तिकरण को भी नई दिशा मिलेगी।