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फिलहाल नहीं होगी 2021 की जनगणना और एनपीआर

लॉक डाउन के चलते सरकार ने खड़े किए हाथ

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( COVID-19)  को फैलने से रोकने के लिए तीन हफ्ते के लॉक डाउन (lock down )  के ऐलान के बाद भारत के महापंजीयक ( Registar General of India) ने 2021 की जनगणना के पहले चरण और उसके साथ नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर ( एनपीआर ) (NPR )  को अपग्रेड करने की प्रक्रिया को स्थगित कर दिया है। यह पूरी प्रक्रिया एक अप्रैल 2021 से 30 सितंबर तक पूरी की जानी थी। आरजीआई ने अभी तक जनगणना के दूसरे चरण, जिसमें देश में रहने वाले लोगों की गिनती की जाती है, को स्थगित नहीं किया है। ध्यान देने की बात है कि एनपीआर (NPR )  को एनआरसी (NRC ) और सीएए  (CAA) से जोड़कर विपक्ष इसका विरोध कर रहा था और विपक्ष शासित कई राज्यों की विधानसभा में जनगणना के पहले चरण के साथ एनपीआर नहीं करने का प्रस्ताव पारित किया था ।

दरअसल पहले से चली आ रही परंपरा के मुताबिक देश में हर 10 साल बाद जनगणना की जाती है और इस बार 2021 की जनगणना दो चरणों में की जानी थी। पहले चरण में मकानों की गणना एक अप्रैल से 30 सितंबर, 2020 के बीच और दूसरे चरण में देश में रहने वाले सभी व्यक्तियों की जनगणना नौ फरवरी से 28 फरवरी, 2021 के बीच होनी थी। पहले चरण में मकानों की गिनती के साथ ही असम को छोड़कर देश के अन्य राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में एनपीआर के अपडेशन का काम भी होना था।

 जनगणना का पहला चरण स्थगित

मंगलवार को राष्ट्रीय आपदा कानून के तहत पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा के बाद आरजीआई ने जनगणना 2021 के पहले चरण और उसके साथ होने वाले एनपीआर के अपडेशन के साथ ही फील्ड से जुडे़ सभी काम जो कि 01 अप्रैल, 2020 से शुरू होने थे, को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है।

 जनगणना को स्थगित नहीं किया गया: गृह मंत्रालय

गृह मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कोरोना वायरस का प्रकोप थमने के बाद नवंबर के पहले इसे कभी भी कराने का फैसला किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 2021 के फरवरी में होने वाली जनगणना को स्थगित नहीं किया गया है और इसे तय समय पर ही कराने की कोशिश की जाएगी । लेकिन सबकुछ कोरोना के कहर के थमने के समय पर निर्भर करता है।

 

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