दंतेवाड़ा। जिले में 108 संजीवनी कर्मियों ने अपनी निष्ठा और सेवाभाव से एक बार फिर मिसाल कायम की हैं। संजीवनी कर्मियों ने प्रसव पीड़ा से कराह रही गर्भवती महिला को जल्द से जल्द हॉस्पिटल पहुँचाने के लिए नक्सलियों के धमकी को भी नजरअंदाज कर दिया। नक्सलियों द्वारा मार्ग से ना गुजरने के लिए पर्चा चस्पा किया गया था। किंतु 108 की टीम ने गर्भवती महिला को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखते हुए अपनी जान को जोखिम में डालकर मदद की।
दरअसल आज नक्सलियों के द्वारा 5 मध्य राज्यो में बंद का आह्वाहन किया गया था. ऐसे में कुंआकोंडा ब्लॉक अंतर्गत आने वाले ग्राम पोटली जो धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता है. उस गाँव के पटेल पार में 21 वर्षीय गर्भवती महिला ज्योति मंडावी, पति बंटी मंडावी को प्रसव पीड़ा और झटके आने पर परिजनों ने 108 को सूचना दी।
सूचना मिलते ही पायलट शिवकुमार नागवंशी और ईएमटी शालिनी राणा गांव के लिए रवाना हुए पर मार्ग में नक्सलियों ने रास्ते में नहीं चलने के लिए पर्चे फेंके थे। ऐसे में 108 की टीम ने जोखिम उठाते हुए गर्भवती ज्योति को सीएचसी कुंआकोंडा लेकर आए। जहां प्रारंभिक इलाज में बाद डॉक्टरों ने महिला की स्थिति को बिड़गते देख जिला अस्पताल के लिए रिफर कर दिया। 108 की टीम ज्योति को लेकर जिला अस्पताल आ रही थी.
इसी दौरान रेंगानार के पास गर्भवती महिला को तेज प्रसव पीड़ा होने लगी। शालिनी राना ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए ईआरसीपी के माध्यम से डॉ. वजस से सलाह लेते हुए परिजनों से बात कर एम्बुलेंस में प्रसव कराने का निर्णय लिया। इसके पश्चात एम्बुलेंस को सुरक्षित खड़ी कर प्रसव प्रक्रिया शुरू की गई। एम्बुलेंस में बच्चे की किलकारी गूंजते ही सभी खुशी से झूम उठे। ज्योति ने एक बेटे को जन्म दिया। प्रसव पश्चात माँ और शिशु को जिला अस्पताल दंतेवाड़ा में भर्ती कराया गया. जहां दोनो अभी सुरक्षित है। सुरक्षित प्रसव करवाने पर परिजनों ने 108 टीम का आभार व्यक्त किया।